Budget 2024: हैदराबाद-बेंगलुरु जैसे शहर उम्मीद से देख रहे बजट की ओर, क्या वित्त मंत्री लेंगी HRA पर फैसला
HRA Exemption: दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में किराए के घरों में रह रहे लोगों को एचआरए में 50 फीसदी छूट का लाभ मिल जाता है. इस मामले में अन्य बड़े शहर पीछे छूट जा रहे हैं.
HRA Exemption: हाउस रेंट अलाउंस (HRA) किसी भी कर्मचारी की सैलरी का एक अहम हिस्सा होता है. अगर आपको भी कंपनी की तरफ से एचआरए मिलता है तो इसके बदले में आप इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. फिलहाल दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में किराए के घरों में रह रहे लोगों को एचआरए में 50 फीसदी छूट का लाभ मिलता है. मगर, इस मामले में बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहर पिछड़ जाते हैं. इन मेट्रो शहरों में जबरदस्त महंगाई के बावजूद आपको एचआरए में सिर्फ 40 फीसदी छूट ही मिलती है. ऐसे में इस बार सैलरीड क्लास को उम्मीद है कि बजट में नॉन मेट्रो शहरों में एचआरए छूट को बढ़ाया जा सकता है.
सैलरीड क्लास का वित्तीय बोझ घटाने के हो सकते हैं फैसले
बड़े शहरों में नौकरी करने वाले आगामी बजट से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उन्हें राहत दे सकती हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस बार के बजट में इनकम टैक्स स्लैब, टैक्स रेट और स्टैंडर्ड डिडक्शन को लेकर बड़े फैसले किए जा सकते हैं ताकि सैलरीड क्लास पर से कुछ वित्तीय बोझ घट सके. सूत्रों के मुताबिक, ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) के तहत हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance) में छूट बढ़ाकर केंद्र सरकार राहत दे सकती है.
मेट्रो सिटी के दायरे में आने की दहलीज पर खड़े हैं कई शहर
एचआरए में शहर के हिसाब से बदलाव होता है. अगर आप बड़े शहर में रहते हैं तो छूट का दायरा ज्यादा और छोटे शहरों में कम होता है. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को 50 फीसदी एचआरए छूट के दायरे में लगभग 30 साल पहले शामिल किया गया था. इन तीन दशक में बहुत कुछ बदल गया है. अब देश में कई शहर मेट्रो सिटी के दायरे में आ गए हैं. इसलिए इन शहरों में एचआरए लिमिट बढ़ाने की मांग की जा रही है. साल 1992 में एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई को मेट्रो सिटी मान लिया है. हालांकि, अब अहमदाबाद, सूरत, कानपुर जैसे शहर भी मेट्री सिटी के मानकों को पूरा करने की दहलीज पर खड़े हुए हैं.
एचआरए में छूट हासिल करने के लिए ये दस्तावेज जरूरी
आप एचआरए की गणना अपने किराए से कर सकते हैं. इसके अलावा कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को एचआरए खुद ही देती हैं. इनकम टैक्स रिटर्न के दौरान एचआरए में छूट हासिल करने के लिए आपको रेंट की रसीदें, रेंट एग्रीमेंट या लीज डीड, मकान मालिक की तरफ से लेटर, रेंट पेमेंट का प्रूफ और फॉर्म 12बीबी (Form 12BB) सैलरी स्लिप देनी होंगी.
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