Budget 2024: नारेडको की वित्त मंत्री से मांग, होम लोन के ब्याज पर बढ़े टैक्स छूट की लिमिट, मूलधन को 80C से किया जाए अलग
Union Budget 2024: नारेडको ने वित्त मंत्री से अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए बनाये गए स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंग (SWAMIH) के दूसरे चरण शुरू करने की मांग की है.
Budget 2024: एक फरवरी 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी. क्योंकि ये बजट लोकसभा चुनावों से पहले पेश होने जा रहा है ऐसे में सभी को उम्मीद है कि वित्त मंत्री अंतरिम बजट में लोकलुभावन एलान करेंगी. रियल एस्टेट सेक्टर ने भी निर्मला सीतारमण के इस बजट से बहुत उम्मीदें लगा रखी है. रियल एस्टेट डेवलपर्स की बॉडी नारेडको (NAREDCO) ने रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के साथ अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए वित्त मंत्री को अपने डिमांड की फेहरिस्त सौंपी है.
नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) ने वित्त मंत्री सीतारमण को पत्र लिखा है जिसमें नारेडको ने रेसिडेंशियल सेक्टर में डिमांड को बढ़ावा देने के लिए होम बायर्स को प्रोत्साहित करने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत होम लोन के ब्याज के मद में दो लाख रुपये की कटौती की सीमा को बढ़ाये जाने की मांग की है. इसके अलावा नारेडको ने वित्त मंत्री से होम लोन के मूलधन रकम को इनकम टैक्स की धारा 80 सी से अलग किए जाने की मांग की है.
नारेडको ने वित्त मंत्री से अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए बनाये गए स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंग ( SWAMIH) के दूसरे चरण शुरू करने की मांग की है. इसके लिए नारेडको ने दूसरे चरण में वित्त मंत्री से 50,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करने को कहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वामी निवेश कोष के गठन की घोषणा साल 2019 में की थी. डेवलपर्स की बॉडी ने जीएसटी के साथ हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के डेवलपरों द्वारा ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ की मांग के विकल्प की अनुमति देने का भी अनुरोध किया है.
दूसरी तरफ रियल एस्टेट सेक्टर के हाउसिंग सेगमेंट में अफोर्डेबल हाउसिंग की डिमांड घट रही है जिससे सरकार की परेशानी बढ़ सकती है. अंतरिम बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री पर दबाव बढ़ता जा रहा है. हाल के दिनों में रियल एस्टेट कंसलटेंट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि महंगे होम लोन, प्रॉपर्टी की कीमतों में उछाल के चलते 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले अफोर्डेबल घरों की डिमांड कम हुई है. नाइट फ्रैंक इंडिया ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि कुल हाउसिंग सेल्स में 50 लाख रुपये से कम के घरों के सेल्स की हिस्सेदारी 2018 में जहां 54 फीसदी थी वो 2023 में घटकर 30 फीसदी रह गई है. 2022 में 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले जहां 117,131 हाउसिंग यूनिट्स की सेल्स देखने को मिली थी वो 2023 में घटकर 16 फीसदी की गिरावट के साथ 97,983 यूनिट्स रह गई.
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