Nirmala Sitharaman: केंद्र सरकार ने बजट सत्र का आयोजन 22 जुलाई से किया है. इसके ठीक एक दिन बाद 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) देश का आम बजट पेश करने वाली हैं. मोदी 3.0 के इस पहले बजट की ओर जनता उम्मीदों से देख रही है. मिडिल क्लास को लग रहा है कि वित्त मंत्री उन्हें राहत पहुंचाने वाले कई फैसले इस साल ले सकती हैं. इन्हीं में से एक मिनिमम सैलरी का मुद्दा भी है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि एक दशक के इंतजार के बाद कर्मचारियों को इस मोर्चे पर बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. मिनिमम सैलरी को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया जा सकता है. 


फिलहाल मिनिमम सैलरी है 15 हजार रुपये


केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि (Employees Provident Fund) में योगदान करने के लिए अभी मिनिमम सैलरी (Minimum Wages) 15 हजार रुपये है. इसे बजट 2024 में बढ़ाकर 25,000 रुपये किया जा सकते हैं. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labor and Employment) ने यह प्रस्ताव तैयार किया है. वित्त मंत्री 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में यह ऐलान कर सालों से चली आ रही मांग को पूरा कर सकती हैं.


10 साल से देश में नहीं बढ़े हैं मिनिमम वेज


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश करने के बाद संकेत दिए थे कि वह बड़े फैसले लेने की जिम्मेदारी अगली सरकार पर छोड़ रही हैं. उन्होंने कहा था कि वह अंतरिम बजट में बड़े फैसले नहीं लेना चाहती थीं. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय कर्मचारियों का सामाजिक सुरक्षा दायरा बढ़ाने के लिए यह बदलाव करने के पक्ष में है. देश में 10 साल से मिनिमम वेज नहीं बढ़े हैं जबकि इन वर्षों में महंगाई में तेज उछाल आया है. इससे पहले मिनिमम सैलरी 1 सितंबर, 2014 को बढ़ाई गई थी. उस समय तक मिनिमम वेज 6,500 रुपये थे, जिसे बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया था.


ईएसआईसी ने 2017 में ही बढ़ा दी थी मिनिमम सैलरी


केंद्रीय कर्मचारी भविष्य निधि में मिनिमम सैलरी फिलहाल 15 हजार रुपये है. हालांकि, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees State Insurance Corporation) में मिनिमम वेज 21 हजार रुपये हैं. ईएसआईसी ने साल 2017 में ही मिनिमम सैलरी बढ़ा दी थी. ईपीएफ अकाउंट में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12-12 फीसदी योगदान करते हैं. इसमें कर्मचारियों का पूरा योगदान ईपीएफओ अकाउंट में जमा होता है और नियोक्ता का 8.33 फीसदी योगदान कर्मचारी पेंशन योजना और 3.67 फीसदी योगदान पीएफ अकाउंट में जाता है.


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