Budget 2024: लोकसभा चुनावों के ठीक पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में टैक्स छूट और दूसरे लोकलुभावनें एलान नहीं किए जाने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सफाई दी है. वित्त मंत्री ने कहा, हम सभी को मालूम है कि ये वोट ऑन अकाउंट है और हमने उसे वैसे ही समझा है. वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई में जब उनकी सरकार बजट पेश करेगी तब किस वर्ग के लिए क्या करना है हम देखेंगे.
बजट पेश किए जाने के बाद आयोजित प्रेस कॉंफ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री से सवाल पूछा गया कि लोकसभा चुनावों के बावजूद सरकार ने कोई लोकलुभावन एलान क्यों नहीं किया है? इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, मैं पहले से कहती आई हूं और प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि ये वोट ऑन अकाउंट है. इसलिए हमने इसे वोट ऑन अकाउंट ही समझा है. वित्त मंत्री ने कहा इसके बावजूद हमने बताया है कि अर्थव्यवस्था को कैसे आगे बढ़ना चाहिए और इसके लिए हमारी क्या योजना है. वित्त मंत्री ने कहा कि जब नई सरकार के गठन के बाद जुलाई में बजट पेश करेंगे तो तब समाज के किस वर्ग को क्या देना है तब हम ये तय करेंगे.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर में भारी निवेश करने जा रही है, सरकार ने आर्थिक विकास को गति देने का काम किया है और इनोवेशन के लिए भी पैसे का प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरिम बजट में घोषणाएं भी है और दिशा निर्देश भी है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आत्मविश्वास से भरी है और उसे पता है कि कैसे वोट ऑन आकाउंट का उपयोग करना आता है.
अंतरिम बजट में टैक्सपेयर्स को उम्मीद थी कि मोदी सरकार के 10 वर्ष के कार्यकाल में तीन गुना डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ने के बाद टैक्स के बोझ को कम किया जाएगा. लेकिन टैक्सपेयर्स को मायूसी हाथ लगी है. साथ ही कयास लग रहे थे कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत दिए जाने वाले 6000 रुपये के रकम में बढ़ोतरी की जाएगी. पर किसानों को भी निराशा हुई है.
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