Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में ये एलान किया है कि भारतीय रेलवे के मौजूदा 40,000 बोगियों को वंदे भारत ट्रेनों के स्टैंडर्ड के समान बोगियों के साथ बदला जाएगा. ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि जब वंदे भारत के स्टैंडर्ड के समान डेवलप होने के बाद ये बोगियां पटरी पर दौड़ेंगी तो क्या रेल किराया महंगा हो जाएगा? इस पर वित्त मंत्री सीतारमण की सफाई आई है. उन्होंने कहा कि इसका जवाब उनके पास नहीं है इसका जवाब रेलवे देगा. 


क्या अफोर्डेबल होगा रेल किराया? 


वित्त मंत्री से ये सवाल पूछा गया कि वदें भारत के टिकट दूसरे ट्रेनों के मुकाबले महंगे हैं. ऐसे में यात्रियों की अफोर्डेबिलिटी को ध्यान में रखते हुए इन बोगियों वाले ट्रेनों के टिकट की कीमतें क्या होंगी और ये कैसे तय किया जाएगा? इस प्रश्न का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, वंदे भारत अलग ट्रेन हैं जबकि अंतरिम बजट में जो घोषणा की गई है उसमें कहा गया है कि 40,000 बोगियों को वंदे भारत के स्टैंडर्ड के समान डेवलप किया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि हाई डेनसिटी वाले एरिया में पुरानी बोगियों वाली ट्रेनें स्पीड के साथ नहीं चल सकती जिससे लोगों को बेहतर ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके. ट्रेनों के अंदर का अनुभव भी यात्रियों के लिए अब बेहतर नहीं है. ये डिब्बे पुराने हो चुके हैं और समय के साथ इनकी क्षमता में कमी आई है.     


रेलवे तय करेगा किराया 


वित्त मंत्री ने बताया कि 40,000 बोगियां जिन्हें बदलने की बात कही गई है वो वंदे भारत के स्टैंडर्ड के होंगे. साथ ही ये ट्रेनें किस रूट्स में चलाये जायेंगे और किराया क्या होगा ये रेलवे तय करेगा. पर इन 40,000 बोगियों के साथ रेलवे का आधुनिकरण होगा और यात्रियों के लिए यात्रा को सुखद बनाया जा सकेगा, यात्रियों की सहूलियतें बढ़ेंगी. 


महंगा है वंदे भारत ट्रेन!


दूसरे पैसेंजर ट्रेनों के मुकाबले वंदे भारत ट्रेनों का किराया है. उदाहरण के लिए  दिल्ली से वाराणसी जाने वाली वंदे भारत ट्रेन के एसी चेयर कार का किराया 1740 रुपये तो एग्जीक्यूटिव एसी चेयर कार का किराया 3270 रुपये है. जबकि दूसरे पैसेंजर ट्रेन के किराये पर नजर डालें तो  थर्ड एसी का किराया 1140 रुपये, 2एसी का किराया 1605 रुपये और फर्स्ट एसी का किराया 2695 रुपये है. ऐसे में वित्त मंत्री से ये सवाल पूछा गया कि वदें भारत के टिकट दूसरे ट्रेनों के मुकाबले महंगे हैं. ऐसे में यात्रियों की अफोर्डेबिलिटी को ध्यान में रखते हुए टिकट कीमतें क्या होंगी और ये कैसे तय किया जाएगा? 


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