Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने वाली हैं, जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं. बजट को लेकर देश के हर सेक्टर को कुछ न कुछ उम्मीदें हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि बजट में डिफेंस सेक्टर को लेकर कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं. 


बढ़ती चुनौती के बीच सेना को मजबूत बनाना जरूरी


इस वक्त वैश्विक अस्थिरता चिंता का विषय बना हुआ है. एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है, इजरायल और हमास में भी तकरार सुर्खियां बटोर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ भारत की सीमाओं पर भी तनाव का माहौल है. इसके चलते दुनियाभर में डिफेंस सेक्टर में होने वाले खर्च में इजाफा हुआ है.


विश्व स्तर पर सैन्य क्षेत्र में सबसे अधिक खर्च करने वाले देशों में से एक होकर भी डिफेंस सेक्टर पर भारत का खर्च सकल घरेलू उत्पाद के 2.5 परसेंट से भी कम है. साल 2022 में भारत ने अपनी कुल GDP का 2.4 परसेंट डिफेंस सेक्टर पर खर्च किया. इस मामले में भारत चीन से भी पीछे है. आने वाले समय में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए सेना की सही तैयारी होनी जरूरी है इसलिए डिफेंस सेक्टर पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. 


सीमा की सुरक्षा के लिए अधिक निवेश की जरूरत


आमतौर पर कुछ चीजों पर बजट फिक्स्ड रखना होता है जैसे कि पेंशन. इसके चलते बजट में डिफेंस जैसे कई सेक्टरों पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है. जबकि देश की सुरक्षा के लिए डिफेंस सेक्टर को प्रॉयरिटी लिस्ट में रखना जरूरी है. एक तरफ चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के साथ भारत का तनाव बरकरार है. सीमाओं पर घुसपैठ, झड़प होने की खबरें अक्सर सुनने को मिलती हैं इसलिए बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विलांस सिस्टम पर अधिक निवेश करने की जरूरत है.


देश के अंदर भी कम नहीं चुनौतियां


इसके अलावा, देश में उग्रवाद, नक्सलवाद, आतंकी घटनाओं का भी खतरा बना रहता है इसलिए जवानों की ट्रेनिंग से लेकर इंटेलिजेंस ऑपरेशन, अर्धसैनिक बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भी आधुनिक उपकरणों और संसाधनों से मजबूत बनाना जरूरी है. 


आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत यह जरूरी है कि डिफेंस सेक्टर में भी देश को आत्मनिर्भर बनाया जाए. इसके लिए देश में ही रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए रिसर्च पर निवेश करना होगा.


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