Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 देश की जनता के सामने रख दिया है. संसद में अपने बजट भाषण के दौरान उन्होंने कई इंडस्ट्री को बढ़ावा देने वाले ऐलान किए और इन्हीं में खिलौना इंडस्ट्री भी प्रमुख रही.


भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाने का सरकार का लक्ष्य


केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में शनिवार को क्लस्टर विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाने की योजना की घोषणा की. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि यह योजना क्लस्टर, कौशल और एक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी जो उच्च गुणवत्ता वाले, अद्वितीय, अभिनव और टिकाऊ खिलौने बनाएगी जो 'मेड इन इंडिया' ब्रांड का प्रतिनिधित्व करेंगे.


भारत की खिलौनों इंडस्ट्री के लिए आएगी योजना- वित्त मंत्री


उन्होंने कहा, "खिलौनों के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना पर निर्माण करते हुए हम भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए एक योजना लागू करेंगे." इन उत्पादों की वैश्विक मांग में समग्र गिरावट के कारण भारत का खिलौना निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 के 17.7 करोड़ डॉलर से घटकर 2023-24 में 15.2 करोड़ डॉलर रह गया.


भारत की टॉय इंडस्ट्री की चीन पर निर्भरता घटी


सरकार की तरफ से अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड और सीमा शुल्क बढ़ाने जैसे कदमों ने घरेलू खिलौना निर्माताओं को विनिर्माण को बढ़ाने और पड़ोसी देश चीन से आयात पर निर्भरता कम करने में काफी मदद की है. खिलौना उद्योग को वैश्विक व्यापार परिदृश्य में लंबे समय से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, कई वर्षों से यह लगातार खिलौनों का शुद्ध आयातक रहा है.


भारत ने चीन से घटाया खिलौनों का इंपोर्ट


एक दशक से अधिक समय तक, भारत अपने खिलौनों के आयात के मामले में लगभग 76 प्रतिशत चीन पर बहुत अधिक निर्भर था. चीन से खिलौनों के लिए भारत का आयात खर्च वित्त वर्ष 2021-13 के 21.4 करोड़ डॉलर से घटकर 2023-24 में 4.16 करोड़ डॉलर रह गया, जिससे भारत के खिलौना आयात में चीन की हिस्सेदारी 94 प्रतिशत से घटकर 64 प्रतिशत रह गई, जो अंतरराष्ट्रीय खिलौना बाजार में भारत की बढ़ती प्रतिस्पर्धी क्षमता को दर्शाता है.


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