निर्मला सीतारमण नहीं ये थीं देश की पहली महिला वित्त मंत्री, बजट पेश करने के दौरान कहा था- 'माफ करिएगा'
बहुत से लोगों को लगता है कि देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं. हालांकि, ऐसा नहीं है निर्मला सीतारमण से पहले भी देश में एक महिला वित्त मंत्री हुईं, जिन्होंने कहा था 'माफ करिएगा'.
बजट 2025 पेश होने में अब कुछ ही दिन और बचे हैं. इस साल का बजट कई मायनों में खास होने वाला है. खासतौर से छोटे निवेशकों और आम आदमी के लिए. दरअसल, यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट होगा. इसे देश के सामने मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी.
निर्मला सीतारमण का बतौर वित्त मंत्री यह आठवां बजट होगा. लेकिन, क्या आप उस महिला के बारे में जानते हैं, जिन्होंने देश के सामने बतौर वित्त मंत्री पहली बार बजट पेश किया था. चलिए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
देश की पहली महिला वित्त मंत्री
देश की पहली महिला वित्त मंत्री इंदिरा गांधी थीं. ये बात है 1969 की. देश में इस समय इंदिरा गांधी की सरकार थी और वित्त मंत्रालय था तत्कालीन उप प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के पास. लेकिन, जब मोरारजी देसाई इंदिरा गांधी के खिलाफ बगावत पर उतर आए तो कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 12 नवंबर 1969 को पार्टी से बाहर कर दिया. मोरारजी देसाई के जाने के बाद वित्त मंत्री का पद खाली हो गया. तीन महीने बाद देश का बजट पेश होना था, ऐसे में किसी नए चेहरे पर भरोसा करना पार्टी को ठीक नहीं लगा.
इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए, वित्त मंत्रालय को भी अपने पास रख लिया. फिर आता है 28 फरवरी 1970 की तारीख, जब किसी महिला ने देश का बजट संसद में पेश किया. इंदिरा गांधी ने पहली और आखिरी बार बजट पेश किया, जिसे इतिहास में दर्ज किया गया. इंदिरा गांधी के बाद निर्मला सीतारमण वह पहली महिला हैं जो पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनीं.
क्यों कहा था माफ करिएगा
28 फरवरी 1970 को शाम के 5 बजे जब इंदिरा गांधी बजट पेश करने के लिए संसद में खड़ी हुई तो कांग्रेस के सांसदों ने तालियों के साथ उनका स्वागत किया. उन्होंने बजट पढ़ना शुरू किया, लेकिन फिर बीच में रुक कर उन्होंने कहा मुझे माफ करिएगा. उनके ऐसा कहते ही सदन में सन्नाटा छा गया. लोगों को लगा कि ऐसा क्या करने वाली इंदिरा गांधी.
हालांकि कुछ ही सेकेंड बाद इंदिरा गांधी मुस्कुराईं और बोली, ‘माफ करिएगा, मैं इस बार सिगरेट पीने वालों के जेब पर बोझ डालने वाली हूं.’ दरअसल, इंदिरा गांधी ने आम बजट में राजस्व बढ़ाने की योजना बनाई थी, इस वजह से उन्होंने सिगरेट पर करीब 7 गुना टैक्स बढ़ा दिया था. जो टैक्स पहले 3% था, उसे बढ़ाकर 22% कर दिया गया था.
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