Budget 2025: देश के बजट 2025-26 की संभावित तारीख 1 फरवरी 2025 है जिस तरह हर साल 1 फरवरी को बजट पेश होता है. इस आगामी बजट के लिए तैयारियां शुरू भी हो गई हैं और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो बैठकों की अध्यक्षता भी कर ली है. 7 दिसंबर, रविवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसान यूनियनों, कृषि अर्थशास्त्रियों और कृषक संगठनों के साथ मुलाकात की और बजट-पूर्व बैठक में उनकी आकांक्षाओं और उम्मीदों के साथ सुझाव-प्रस्ताव भी जानें.


लंबी चली मीटिंग में किसानों के हितों से जुड़े मुद्दों पर फोकस रखा गया


वित्त मंत्री ने 2 घंटे की मीटिंग में किसानों के हितों से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों पर बड़ी मंत्रणा और विचार-विर्मश किया. कृषि सेक्टर में वित्तीय जरूरतों को पूरा करने और इसके जरिए किसानों को कैसे फायदा पहुंचाया जा सकता है और उनके हितों को और बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए वित्त मंत्री ने किसान संगठनों के प्रमुखों के साथ चर्चा की है. भारत कृषक समाज चेयरमैन अजय वीर जाखड़ ने कृषि उत्पादकता को ज्यादा अहम बनाने के साथ किसानों के हितों को और बढ़ाने के लिए किसी लक्ष्य के साथ निवेशकों को आकर्षित करने की जरूरत पर जोर दिया. 


क्या हैं किसान यूनियनों-कृषि संगठनों की प्रमुख मांगें



  • किसान संगठनों की सबसे प्रमुख मांगों में से सबसे बड़ी मांग रही पीएम-किसान सम्मान निधि की राशि को बढ़ाकर दोगुनी करने की. पीएम-किसान सम्मान निधि की रकम को 6000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 करने की मांग रखी गई जो पहले भी की जाती रही है. 

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत छोटे किसानों को भी लाने की मांग रखी गई है और इसके तहत जीरो प्रीमियम पर फसल का बीमा कराने की सुविधा छोटे किसानों को मिले, इसका इंतजाम करने की सिफारिश की गई है. 

  • किसानों को मिलने वाले किसान लोन के लिए ब्याज दरों को घटाने की मांग रखी गई है और इसको घटाकर एक फीसदी पर लाने की सिफारिश की गई है. 

  • टैक्स निर्धारण के लिए कर सुधारों पर जोर देने की वकालत इस मीटिंग में की गई है और इसके तहत सबसे पहले कृषि में काम आने वाले उपकरण या मशीनरी, फर्टिलाइजर्स या उर्वरक, बीजों और दवाइयों के लिए जीएसटी से छूट देने की मांग वित्त मंत्री के सामने रखी गई है.

  • इस बैठक में ये भी प्रस्ताव रखा गया है कि राष्ट्रीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए चना, सोयाबीन और सरसों जैसी खास फसलों पर फोकस करते हुए आठ सालों के लिए हर साल 1000 करोड़ रुपये की टारगेटेड निवेश स्ट्रेटेजी बनाई जाए जिससे इन खास फसलों के लिए किसानों को ज्यादा प्रोत्साहित किया जा सके. 


बैठक में वित्त मंत्री ने सबके सुझाव-प्रस्ताव और सिफारिशों पर दिया ध्यान


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज की बैठक में सभी सुझावों-प्रस्तावों और सिफारिशों पर ध्यान दिया है. माना जा सकता है कि अगर सरकार के बजट में गुंजाइश होगी तो पीएम-किसान सम्मान निधि की रकम बढ़कर 12 हजार की जा सकती है. 


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