Budget 2025: भारत के वो प्रधानमंत्री जो वित्त मंत्री भी रहे, इन्होंने बजट भी किया था पेश
India Budget 2025: भारत के आर्थिक इतिहास में केंद्रीय बजट का खास महत्व है और देश के कुछ प्रधानमंत्री ऐसे भी रहे जो वित्त मंत्री की भूमिका को भी सफलतापूर्वक निभा पाए.
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Budget 2025: भारत के आर्थिक इतिहास में केंद्रीय बजट का एक अहम स्थान है. यह केवल सरकार की आमदनी और खर्च का लेखा-जोखा नहीं बल्कि देश के विकास का रोडमैप भी होता है. आमतौर पर बजट वित्त मंत्री पेश करते हैं, लेकिन इतिहास में ऐसे अवसर भी आए जब प्रधानमंत्री ने यह जिम्मेदारी निभाई. जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभालते हुए बजट पेश किया.
पहले प्रधानमंत्री (जवाहरलाल नेहरू) जिनके नाम दर्ज है बजट
जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने बजट पेश किया. यह 1958-59 का दौर था, जब तत्कालीन वित्त मंत्री टी.टी. कृष्णमाचारी ने मुद्रा घोटाले के चलते इस्तीफा दे दिया था. नेहरू ने उस समय वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभालते हुए बजट पेश किया. यह कदम नेहरू की प्रशासनिक क्षमताओं को दर्शाता है और इसने आर्थिक नीतियों पर उनकी गहरी समझ को उजागर किया.
पहली महिला वित्त मंत्री और बजट पेश करने वाली महिला
1969 में तत्कालीन वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के इस्तीफे के बाद इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला. उन्होंने 1970 में बजट पेश किया और देश की पहली महिला वित्त मंत्री बनीं. अपने बजट भाषण में उन्होंने सिगरेट पर टैक्स बढ़ाने की बात कहते हुए सिगरेट पीने वालों से माफी भी मांगी थी. एक साल तक वित्त मंत्रालय संभालने के बाद उन्होंने यह प्रभार यशवंतराव चव्हाण को सौंप दिया.
राजीव गांधी बने प्रधानमंत्री के साथ वित्त मंत्री
1987 में राजीव गांधी ने वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार संभाला. वी.पी. सिंह को वित्त मंत्री पद से हटाने के बाद राजीव ने खुद यह जिम्मेदारी ली. उस समय उन्होंने बजट पेश करते हुए आर्थिक सुधारों और जनता की उम्मीदों के बीच संतुलन साधा. इन तीन प्रधानमंत्रियों का बजट पेश करना भारतीय राजनीति में एक अलग घटनाक्रम था.
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