दुनिया भर में जारी छंटनी की लहर के बीच अब भारत में भी नौकरियां प्रभावित होने लग गई हैं. वित्तीय संकटों से जूझ रही बजट एयरलाइन स्पाइसजेट अपने हजारों कर्मचारियों को काम से निकालने वाली है. कंपनी लागत कम करने के लिए ऐसा कर रही है.


15 फीसदी कर्मचारियों की जाएगी नौकरी


ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्पाइसजेट 1,400 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है, जो उसके टोटल वर्कफोर्स के करीब 15 फीसदी के बराबर है. अभी कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या 9 हजार के आस-पास है. कंपनी अभी करीब 30 विमानों का परिचालन कर रही है, जिनमें से 8 लीज पर लिए गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, एयरलाइन ने भी छंटनी की पुष्टि की है.


60 करोड़ रुपये का है सैलरी बिल


बताया जा रहा है कि कंपनी के ऊपर निवेशकों की दिलचस्पी बनाए रखने के लिए लागत कम करने का दबाव है. कंपनी के सभी कर्मचारियों की सैलरी का बिल ही 60 करोड़ रुपये हो जा रहा है. ऐसे में कंपनी लागत को कम करने का हरसंभव प्रयास कर रही है. 1400 कर्मचारियों की छंटनी भी लागत कम करने के प्रयासों का हिस्सा है.


कई महीने से हो रही सैलरी मिलने में देरी


ईटी के अनुसार, स्पाइसजेट के कई कर्मचारियों को छंटनी के बारे में कंपनी से कॉल मिलने लगी है. इससे पहले स्पाइसजेट के कर्मचारी सैलरी में देरी का सामना कर रहे थे. कंपनी पिछले कई महीने से लगातार सैलरी देने में देरी कर रही थी. जनवरी महीने के लिए तो अभी तक कई कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पाई है. कंपनी कुछ निवेशकों से 2,200 करोड़ रुपये के कैपिटल इंफ्यूजन की प्रक्रिया में है.


टेक कंपनियों ने इस तरह की छंटनी


स्पाइसजेट के द्वारा छंटनी की खबर ऐसे समय आई है, जब पहले से दुनिया भर में छंटनी का काफी गहरा असर देखा जा रहा है. इस साल की शुरुआत से ही छंटनी की रफ्तार तेज हो गई है. अमेजन, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, सिस्को जैसी कई दिग्गज कंपनियां अपने कर्मचारियों को इस साल काम से बाहर निकाल चुकी हैं. हालांकि दुनिया भर में चल रही छंटनी की मार का सबसे ज्यादा असर टेक कंपनियों पर हो रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ जनवरी में टेक कंपनियों ने 32 हजार से ज्यादा लोगों की छंटनी की.


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