Budget: बजट 2025-26 की तैयारी शुरू हो गई है और इसको लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठकों का दौर शुरू कर रही हैं. बजट एक फरवरी, 2025 को संसद में पेश किये जाने की संभावना है. 6 दिसंबर यानी शुक्रवार से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट-पूर्व परामर्श यानी प्री-बजट कंसलटेशन शुरू कर दिया है. वित्त मंत्रालय में बजट बनाने की प्रक्रिया के तहत कई सालों से ये परंपरा चली आ रही है. कंसलटेशन की इस सीरीज के तहत छह दिसंबर को देश के प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के साथ पहली बैठक की गई है. 


अर्थशास्त्रियों ने क्या दिए सुझाव


6 दिसंबर को हुई बैठक में अर्थशास्त्रियों ने शुक्रवार को सरकार को अगले वित्त वर्ष के बजट में मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए एक इंडस्ट्रियल पॉलिसी लाने और राजकोषीय मजबूती में ढील देने का सुझाव दिया है. इसके अलावा अर्थशास्त्रियों ने सरकार को निवेश बढ़ाने के तरीके सुझाए और खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई दर को कंट्रोल करने के साथ जलवायु परिवर्तन से निपटने के सुझाव भी दिए हैं.


किसान यूनियनों-कृषि अर्थशास्त्रियों और MSME के रिप्रेजेंटिव के साथ की बात


6 दिसंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अर्थशास्त्रियों के साथ इन बैठकों के बाद सात दिसंबर यानी आज किसान यूनियनों और कृषि अर्थशास्त्रियों और एमएसएमई सेक्टर के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. यह बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लगातार आठवां बजट और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट होगा.






किन-किन के साथ करेंगी वित्त मंत्री बजट-पूर्व चर्चा


30 दिसंबर को भारतीय इंडस्ट्री के प्रमुख और सोशल सेक्टर के गणमान्य व्यक्तियों, खास तौर से एजूकेशन और हेल्थकेयर के हितधारकों के परामर्श के साथ बजट पूर्व परामर्श खत्म होगा. 2025-26 के आम बजट पर उनके विचार मांगे जाएंगे और कुल सुझावों और सिफारिशों, 


इन बैठकों में वित्त मंत्री के अलावा वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव और दीपम (निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग) सचिव तुहिन कांत पांडेय, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा और वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू की मौजूदगी रहेगी.


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