शेयर बाजार: 1174 कंपनियों को घटानी होगी प्रमोटर्स की हिस्सेदारी, बजट प्रस्ताव में आया है नया नियम
निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट में कहा कि कंपनियों में सार्वजनिक हिस्सेदारी की सीमा को 25 से बढ़ाकर 35 फीसदी करने का प्रस्ताव किया जा रहा है.

नई दिल्ली: सरकार ने स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों में न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी की सीमा को 25 से बढ़ाकर 35 फीसदी करने का प्रस्ताव किया है. सरकार की इस घोषणा के बाद 1174 कंपनियों को प्रमोटर्स की 3.87 लाख करोड़ रुपये की हिस्सेदारी घटाने की जरूरत होगी. इनमें टीसीएस, विप्रो और डीमार्ट जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अपना पहला बजट पेश करते हुए कहा कि पूंजी बाजार को लोगों के और करीब लाने की जरूरत है. इसी के मद्देनजर सार्वजनिक हिस्सेदारी की सीमा को 25 से बढ़ाकर 35 फीसदी करने का प्रस्ताव किया जा रहा है.
सेंट्रम ब्रोकिंग लिमिडेट के शोध पर आधारित ताजा शेयरधारिता आंकड़ों के मुताबिक 1174 लिस्टेड कंपनियां ऐसी हैं जिनमें प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 65 फीसदी से ज्यादा है. ‘दूसरे शब्दों में कहा जाए तो 4700 लिस्टेड कंपनियों में से करीब 25 फीसदी कंपनियां ऐसी हैं जिन्हें इस अनिवार्यता को पूरा करने के लिए प्रमोटर्स की हिस्सेदारी कम करनी होगी. इसमें कहा गया है कि मौजूदा बाजार मूल्य के हिसाब से इन 1174 कंपनियों को करीब 3,87,000 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेचनी पड़ेगी.
सेंट्रम ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और शोध (संपदा) प्रमुख जगन्नधाम तुनुगुंटला ने कहा, 'हमें इस बारे में सेबी के नियमनों का इंतजार करना होगा. यह देखना होगा कि नियामक कंपनियों को इस शेयरधारिता नियम को पूरा करने के लिए कितना समय देता है. हालांकि, प्रवर्तकों की हिस्सेदारी बिक्री से बाजार और कुछ खास शेयरों पर असर पड़ेगा.'
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