Agriculture Budget 2023: एग्री स्टार्टअप बढ़ेंगे, कृषि ऋण लक्ष्य बढ़कर होगा 20 लाख करोड़ रुपये | किसानों के लिए सौगात
Union Budget 2023: साल 2022 के बजट में वित्त मंत्री ने ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया था. साथ ही सरकार की ओर से रसायन और कीटनाशक मुक्त खेती का प्रसार बढ़ाने पर भी जोर दिया गया था.
Agriculture Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश कर दिया है. बजट में वित्त मंत्री ने एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए भी कई बड़े एलान किए हैं. वित्त मंत्री ने कहा, पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए करोड़ों किसानों को फायदा हुआ. 28 महीनों में 80 करोड़ लोगों को फ्री अनाज दिया.
वित्त मंत्री ने कहा, "एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड से एग्री स्टार्टअप बढ़ेंगे. इससे किसानों को मदद मिलेगी और उन्हें चुनौतियों का सामना करने में आसानी रहेगी. इससे उत्पादकता बढ़ेगी. यह किसानों, स्टेट और इंटस्ट्री पार्टनर के बीच होगा. पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा."
- अगले तीन साल में 1 करोड़ किसानों को नेचुरल फार्मिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. 10 हजार बायो इनपुट रिसर्च सेंटर स्थापित होंगे. इसके लिए माइक्रो फर्टिलाइजर पर जोर दिया जाएगा.
- कृषि से जुड़े स्टार्ट अप को प्राथमिकता दी जाएगी. युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि त्वरक कोष की स्थापना की जाएगी.
- अमृत काल के लिए हमारी दृष्टि में मजबूत सार्वजनिक वित्त और एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ एक प्रौद्योगिकी संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है. इस 'जनभागीदारी' को हासिल करने के लिए 'सबका साथ, सबका प्रयास' जरूरी है.
- कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को ओपन सोर्स, ओपन स्टैंडर्ड और इंटरऑपरेबल पब्लिक गुड के रूप में बनाया जाएगा.
कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने पर बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा, "कृषि लोन का प्रोसेस डिजिटलीकरण होना आर्थिक विकास के लिए अच्छा है. अधिक से अधिक डिजिटलीकरण से लोन तक पहुंच में सुधार हुआ है."
2022 बजट में एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए क्या था
साल 2022 के बजट में वित्त मंत्री ने ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया था. साथ ही सरकार की ओर से रसायन और कीटनाशक मुक्त खेती का प्रसार बढ़ाने पर भी जोर दिया गया था. सरकार ने गंगा के किनारे 5 किमी चौड़े गलियारों में किसानों की जमीन पर फोकस के साथ पूरे देश में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कहा था. इसके अलावा 25 हजार किलोमीटर के नेशनल हाईवे के विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये का खर्च करने के लिए कहा था. 44,605 करोड़ रुपये के केन-बेतवा लिंक का कार्यान्वयन किसानों और स्थानीय आबादी को सिंचाई, खेती और आजीविका की सुविधा प्रदान करने वाली 9 लाख हेक्टेयर से अधिक किसानों की भूमि की सिंचाई के लिए भी कहा था.
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