नई दिल्लीः सुस्त बिक्री और ऊंची लागत से जूझ रहे देश के ऑटो सेक्टर में नई भर्तियां फिलहाल रुक गई हैं. उद्योग से जुड़े लोगों को आशंका है कि इस सेक्टर में आगे छंटनी की भी नौबत आ सकती है. वाहनों की मांग घटने से ऑटो सेक्टर फिलहाल मंदी के दौर से गुजर रहा है और ऊंची ब्याज दर के कारण दबाव में है. ऑटो सेक्टर को नौकरियां देने वाला एक बड़ा सेक्टर होने के कारण मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की रीढ़ माना जाता है.
इस सेक्टर में सुस्ती के कारण इससे जुड़े उद्योग मसलन रबड़, इस्पात और ऑटो रिटेल पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है.
उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया कि नई भर्तियों पर रोक लगी हुई है और यही स्थिति आगे भी बनी रही तो इस उद्योग में छंटनी की भी नौबत आ सकती है.
ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के पार्टनर वी. श्रीधर ने कहा, "सुस्ती के कारण अल्पकालिक बंदी की नौबत आ गई है, जिसके कारण अस्थाई रोजगार रोजगार पर प्रभाव पड़ा है और स्थाई कर्मचारी भी इससे प्रभावित हो सकते हैं." फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस के अध्यक्ष आशीष हर्षराज काले ने कहा, "नई भर्तियां रुकी हुई हैं और सुस्ती के कारण कुछ लोग बेरोजगार भी हुए हैं, क्योंकि सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है."
उद्योग फिलहाल कल आने वाले बजट 2019-20 में वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के साथ-साथ प्रोत्साहन पैकेज की राह देख रहा है.
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