बजट 2019: एविएशन सेक्टर भरेगा ऊंची उड़ान, इस बार मिल सकता है बूस्ट
इंडियन एविएशन इंडस्ट्री की लगतार बिगड़ती फाइनेंशियल स्थिति को देखते हुए इस बार के बजट में सरकार एविएशन सेक्टर को टैक्स की दरों में छूट दे सकती है.
नई दिल्ली: 2019 में वित्त मंत्री अरुण जेटली के द्वारा पेश किया जाने वाला बजट एविएशन सेक्टर के लिए कई मायनों में खास है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंडियन एविएशन इंडस्ट्री की लगतार बिगड़ती फाइनेंशियल स्थिति को देखते हुए इस बार के बजट में सरकार एविएशन सेक्टर को टैक्स की दरों में छूट दे सकती है. इसके अलावा एयरलाइंस के सभी इनपुट्स को जीएसटी के अधीन लाया जा सकता है. विमान के पार्ट्स के आयात को 5 फीसदी जीएसटी के टैक्स स्लैब में लाया जा सकता है.
मोदी सरकार इस बार के बजट में एटीएफ की कीमतों को कम करने के लिए एविएशन कंपनियों को टैक्स में कुछ राहत दे सकती है. फिलहाल भारत में अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तुलना में टैक्स 45 से 50 फीसदी ज्यादा है. ICRA को इस बार के केंद्रीय बजट में किसी भी तरह का टैक्स लगाने की उम्मीद नहीं है.
2019 के बजट में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी स्कीम (RCS) और UDAN (Ude Desh ka Aam Nagrik) के जरिए लोकल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और एक अनुकूल इको-सिस्टम बनाने के लिए टिकट की कीमतों में बड़ी राहत दी जा सकती है. सरकार को अपनी कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही बुनियादी ढांचे के निर्माण और विकास पर जोर रहा है. इस बार के बजट में सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) रूट के जरिए से टियर 2 शहरों में हवाई अड्डों के निर्माण पर भी फोकस किया जा सकता है.
इसके अलावा, इस बार के अंतरिम बजट में नए हवाई अड्डों की स्थापना और कुछ प्रमुख हवाई अड्डों पर मौजूदा हवाई क्षमताओं के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है. ताकि एयरलाइनों को फिलहाल होने वाली बुनियादी ढांचे की समस्याओं को दूर किया जा सके. सरकार एविएशन के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) क्षेत्र पर भी ध्यान दे सकती है. 'मेक इन इंडिया' के तहत सरकार बजट में एमआरओ सेक्टर को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है. सरकार से यह भी अपेक्षा की जा रही है कि वो भारत में पर्यटन के विकास और बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाएगी.
सरकार अपनी महत्वकांक्षी स्कीम 'अतुल्य भारत' के जरिए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े बदलाव कर सकती हैं. अभी तक देश के नौ हवाई अड्डों पर 44 देशों के लिए नवंबर 2014 में शुरू की गई ई-वीजा नीति को 161 देशों, 24 हवाई अड्डों और तीन बंदरगाहों तक विस्तारित किया जा सकता है. इनके साथ ही, सरकार पर्यटन को और बेहतर बनाने के लिए अधिक टूरिस्ट स्पॉट को विकसित कर सकती है.
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