नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए समिति के गठन का प्रस्ताव किया है. वित्त मंत्री ने 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि यह समिति देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उपाय सुझाएगी. साथ ही महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में सहयोग करेगी.


सीतारमण ने सभी जिलों में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के विस्तार का प्रस्ताव करते हुए कहा कि प्रत्येक एसएचजी से एक महिला को मुद्रा योजना के तहत एक लाख रुपये तक का कर्ज मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार कई तरीके श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में समाहित करेगी.


सीतारमण ने कहा कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को श्रमबल की कमी का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि भारत नई पीढ़ी के कौशल कृत्रिम मेध (एआई), रोबोटिक्स और 3डी प्रिंटिंग के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा.


वित्त मंत्री ने कहा कि गांव, गरीब और किसान हमारी हर योजना के केंद्र बिंदु हैं और इसके लिए सरकार ने बड़े मुकाम हासिल किए हैं. उज्जवला योजना के तहत 7 करोड़ गैस कनेक्शन दिए हैं. सरकार 2022 तक भारत के हर गांव की महिला को उज्जवला योजना के तहत गैस मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है.


बजट 2019: 'जल जीवन मिशन' के तहत 2024 तक हर घर में होगा पीने का पानी - निर्मला सीतारमण