देश का बजट: 19 सालों के अंदर अटल-मोदी सरकार ने बदल दी बजट की ये 5 परंपराएं
Budget 2019: इस बार ‘बजट’ शब्द में बदलाव करके इसे ‘बही खाता’ की संज्ञा दी गई है. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हाश में बजट ब्रीफकेस की जगह आज लाल रंग की एक पोटली दिखी.
Budget 2019: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे लोकसभा में देश का बजट पेश करेंगी. साल 2014 में सत्ता में आई मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान बजट की परंपरा में दो बदलाव किए थे. इस बार भी मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश होने से पहले दो बड़े बदलाव किए हैं. इस बार ‘बजट’ शब्द में बदलाव करके इसे ‘बही खाता’ की संज्ञा दी गई है. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हाथ में 'बजट ब्रीफकेस' की जगह आज लाल रंग की एक पोटली दिखी. साल 1999 से अबतक एनडीए की सरकार के दौरान बजट की पांच परंपराएं बदली गई हैं.
लाल पोटली ने ली ब्रीफकेस की जगह
बता दें कि सुबह से ही सबकी नज़रें वित्त मंत्री के ब्रीफकेस पर टिकीं थीं, लेकिन जब वित्त मंत्री सीतारमण वित्त मंत्रालय से अपनी पूरी टीम के साथ निकलीं तो उनके हाथ में ब्रीफकेस नहीं बल्की लाल रंग की एक पोटली थी, जिसपर अशोक स्तंभ का चिह्न लगा हुआ था. जबकि हमेशा से बजट वाले दिन वित्त मंत्री अपने मंत्रालय से ब्रीफ केस लेकर ही निकलते थे.
बजट नहीं ये 'बही खाता’ है
इतना ही नहीं इस बार ‘बजट’ को ‘बही खाता’ कहा जा रहा है. मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यन ने कहा है, ‘’यही भारतीय परंपरा है. यह पश्चिमी विचारों की गुलामी से निकलने का प्रतीक है. यह एक बजट नहीं है, लेकिन एक 'बही खाता’ है.’’
बजट के ‘ब्रीफकेस’ का इतिहास साल 1733 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री रॉबर्ट वॉलपोल 'बजट' पर लेदर बैग के साथ संसद आए थे. चमड़े के बैग को फ्रेंच भाषा में बुजेट कहा जाता है, इसीलिए इस परंपरा को बजट कहा जाने लगा. बजट ब्रीफकेस का आकार तो लगभग एक जैसा ही रहा, लेकिन रंग में कई बार बदलाव आया. अंग्रेजों ने इस परंपरा को भारत में भी बढ़ाया जो पिछले अंतरिम बजट तक जारी रहा. इससे पहले एनडीए सरकार ने बजट को लेकर क्या बदलाव किए?Chief Economic Advisor Krishnamurthy Subramanian on FM Nirmala Sitharaman keeping budget documents in four fold red cloth instead of a briefcase: It is in Indian tradition. It symbolizes our departure from slavery of Western thought. It is not a budget but a 'bahi khata'(ledger) pic.twitter.com/ZhXdmnfbvl
— ANI (@ANI) July 5, 2019
- बजट पेश करने का वक्त बदला
- बजट पेश करने की तारीख बदली
- अब आम बजट में ही पेश होता है रेल बजट