Budget 2019: 5 साल में दूसरी बार मध्यम वर्ग को मोदी सरकार का तोहफा, अब 5 लाख तक की आय टैक्स फ्री
Budget 2019: पीयूष गोयल ने कहा कि पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पूरी तरह से कर मुक्त होगी और विभिन्न निवेश उपायों के साथ 6.50 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पर कोई कर नहीं देना होगा.
Budget 2019: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है. सरकार ने आयकर (Income Tax) छूट की सीमा दोगुनी कर दी है. यानि अब पांच लाख रुपये तक सालाना सैलरी पाने वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. अब तक ढ़ाई लाख रुपये तक की सैलरी पाने वालों को टैक्स में छूट मिलती है. इससे अधिक ढ़ाई लाख एक रुपया से पांच लाख रुपये तक सैलरी पाने वालों को पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने ढ़ाई लाख की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख कर दिया है. मोदी सरकार बनने के बाद दूसरी बार है जब आयकर छूट की सीमा बढ़ाई गई है. 2014 में मोदी सरकार ने अपने पहले बजट में कर छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर ढ़ाई लाख रुपये कर दी थी.
पीयूष गोयल ने कहा, ''पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पूरी तरह से कर मुक्त होगी और विभिन्न निवेश उपायों के साथ 6.50 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पर कोई कर नहीं देना होगा.'' उन्होंने कहा कि वेतनभोगी तबके के लिए मानक कटौती को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया.
मौजूदा स्थिति क्या है? वर्तमान में, 2.5 लाख रुपये की आय को निजी आयकर से छूट प्राप्त है, जबकि 2.5-5 लाख रुपये के बीच की सालाना आय पर 5 फीसदी कर लगता है, जबकि 5-10 लाख रुपये की सालाना आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 फीसदी कर लगता है. जबकि 80 साल के अधिक की उम्र के नागरिकों को 5 लाख रुपये सालाना की आय पर कर छूट प्राप्त है.
बजट 2014, 2015 और 2016 आपको बता दें कि 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही टैक्स स्लैब में बदलाव किये थे. तब वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पहले बजट में आयकर दरों में कोई बदलाव किये बिना ढाई लाख रुपये की सालाना आय को करमुक्त कर दिया था. पहले दो लाख रुपये की आय करमुक्त थी.
साथ ही 60 से 80 साल तक के वरिष्ठ नागरिकों की तीन लाख रुपये और 80 साल या इससे अधिक आयु के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं लगाने की घोषणा की थी. 2015 के बजट में मोदी सरकार ने इनकम टैक्स छूट सीमा में कोई बदलाव नहीं किये थे. 2016 में भी आयकर स्लैब और टैक्स में कोई भी बदलाव नहीं किया गया था.
बजट 2017 आम बजट 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयकर दाताओं को खुशखबरी दी थी. अरुण जेटली ने ढ़ाई लाख रुपये और पांच लाख रुपये के बीच की आय वाले करदाताओं के लिए टैक्स को 10 प्रतिशत से पांच प्रतिशत कर दिया था. वहीं 5 लाख 1 रुपए से 10 लाख रुपए तक टैक्स को 20 प्रतिशत और 10 लाख 1 रुपए से अधिक पर 30 प्रतिशत टैक्स कर दिया गया था.
बजट 2018 आम बजट 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018-19 में व्यक्तिगत आयकर में कोई बदलाव नहीं किया. छूट की सीमा पहले की तरह ही ढ़ाई लाख रुपए रखा गया.