(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बजट 2019: जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री की मांग, सोने पर घटाई जाए कस्टम ड्यूटी
जहां मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट से पूरा देश उम्मीदें लगाए हुए है, वहीं सोने को लेकर जेम्स इंड ज्वैलरी इंडस्ट्री ने अपनी पुरानी मांग को फिर से दोहराया है.
नई दिल्लीः मोदी सरकार 2 का पहला आम बजट 5 जुलाई को पेश होने वाला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का भी ये पहला बजट है और उनके सामने आम लोगों से लेकर इंडस्ट्री, बाजार, अर्थशास्त्रियों, वित्त के जानकारों समेत कई लोगों की उम्मीदें सामने हैं. मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में किस तरह आर्थिक क्षेत्र के लिए रोडमैप बनाती है उसकी तैयारियों का खाका इस बजट में सामने आएगा.
सोने के आयात पर कस्टम ड्यूटी 10% है इस बजट से जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री को भी काफी उम्मीदें हैं और इसके लिए बीते सोमवार को जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री के जानकारों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. इस मुलाकात में सबसे अहम मांग जो रखी गई वो है सोने पर कस्टम ड्यूटी घटाना. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सोने पर कस्टम ड्यूटी को घटाने की सिफारिश वित्त मंत्री से की गई है. फिलहाल सोने के आयात पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी है.
ड्यूटी घटाकर 4% करने की मांग इकनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक जेम्स एंड ज्वैलरी डॉमेस्टिक कॉउंसिल के वाइस-चेयरमैन शंकर सेन ने कहा कि हमने वित्त मंत्रालय को सोने पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 4 फीसदी करने की सिफारिश की है. अगर ऐसा हो जाता है तो इससे बड़े पैमाने पर सोने की तस्करी रोकने में मदद मिल सकेगी.
सरकारी राजस्व की हो जाएगी भरपाई उन्होंने कहा कि हमने गणना की है और पाया है कि सोने पर कस्टम ड्यूटी घटाने से सरकारी राजस्व को जो नुकसान होगा उसकी भरपाई तस्करी की गतिविधियों में कमी करके की जाएगी और सरकार को इससे घाटा नहीं होगा. सोने पर कस्टम ड्यूटी घटाने से सोने की स्मगलिंग करना गोल्ड तस्करों के लिए ज्यादा आकर्षक नहीं रह जाएगा. वहीं इसके साथ ही ड्यूटी घटने के बाद देश में सोने के दाम भी कम होंगे.
इसके अलावा जेम्स एंड ज्वैलरी काउंसिल ने सरकार से गुजारिश की है कि गहनों की ईएमआई पर खरीद को मंजूरी दी जाए जिसे फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अनुमति नहीं देता है क्योंकि वो सोने को फिलहाल एसेट श्रेणी में माना जाता है. इसके अलावा एक और सुझाव दिया गया है कि गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम को फिर से संशोधित करके लाया जाए.
बैंक का कमीशन खत्म करने की मांग उद्योग जगत ने बैंक का कमीशन खत्म करने या इसे घटाकर 0.20 फीसदी करने की मांग की. उसने कहा कि इससे उद्योग जगत में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा. संगठन से कहा कि अभी बैंक क्रेडिट कार्ड पर 11.50 फीसदी कमीशन लेते हैं, इससे ग्राहकों के लिये ज्वैलरी खरीदना 11.50 प्रतिशत महंगा हो जाता है. यह आखिरकार डिजिटल लेनदेन को हतोत्साहित करता है. जेम ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने भी बजट पूर्व प्रस्तावों में आयात शुल्क मौजूदा 10 फीसदी से घटाकर चार फीसदी करने की मांग की है. इसने तराशे और पॉलिश किये गये हीरों पर भी आयात शुल्क 7.50 फीसदी से घटाकर 2.50 फीसदी करने की मांग की है.IN DEPTH: आने वाले बजट से पहले जानें पिछले 5 साल के बजट के बारे में
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