(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Budget 2019: जानिए- आयुष्मान भारत के तहत कैसे मिलेगा देश को स्वास्थ्य समस्याओं से निजात
बीते साल लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान प्रधान मंत्री मोदी ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान, जिसे आयुष्मान भारत या राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन (एबी-एनएचपीएम) या मोदीकेयर के रूप में भी जाना जाता है, 25 सितंबर, 2018 को लॉन्च किया जाएगा.
बजट 2019 को पेश करने के दौरान वित्तमंत्री ने दावा किया है कि देश के अंदर हेल्थकेयर में बड़े पैमाने पर वृद्धि देखी गई है. आयुष्मान भारत के तहत 10 लाख लोगों ने इलाज किया गया. स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण की कम लागत की वजह लोगों को आर्थिक तौर पर मदद मिली है. इस योजना के परिणामस्वरूप पीड़ित परिवारों के लिए 3000 करोड़ रुपये की बचत हुई. 2014 से 14 नए एम्स की घोषणा की गई है.
आयुष्मान भारत अभियान क्या है?
बीते साल लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान प्रधान मंत्री मोदी ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान, जिसे आयुष्मान भारत या राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन (एबी-एनएचपीएम) या मोदीकेयर के रूप में भी जाना जाता है, 25 सितंबर, 2018 को लॉन्च किया जाएगा. इस योजना के तहत करीब 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा. इस महत्त्वाकांक्षी योजना के लिये सरकार ने 10 हज़ार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. इसे दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी हेल्थकेयर बीमा कार्यक्रम बताया जा रहा है.
प्रमुख विशेषताऐं
- सरकार की तरफ से प्रायोजित स्वास्थ्य बीमा योजना, माध्यमिक और तृतीयक चिकित्सा देखभाल सुविधाओं के लिए पूरे भारत में किसी भी सरकारी या यहां तक कि निजी अस्पतालों में प्रति वर्ष प्रति परिवार को 5 लाख रुपये तक की मुफ्त कवरेज प्रदान करेगी.
- 74 करोड़ लाभार्थी परिवारों और लगभग 50 करोड़ भारतीय नागरिकों के लिए मोडिकेयर उपलब्ध किया जाएगा. इस प्रक्रिया के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) के आंकड़ों के आधार पर 80 प्रतिशत लाभार्थियों की पहचान की गई है.
- इस योजना में परिवार के आकार, उम्र या लिंग के आधार पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
- आयुष्मान भारत अन्य चिकित्सा बीमा योजनाओं के विपरीत है, जहां पहले से मौजूद बीमारियों की प्रतीक्षा की जा रही है. आयुष्मान भारत नीति में पहले दिन से ही सभी तरह की बीमारियां इस योजना में शामिल की गई है. लाभ कवर में अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च दोनों शामिल हैं.
- प्रीमियम भुगतान में किए गए व्यय को एक निर्दिष्ट अनुपात में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बांटा जाएगा. इस योजना के लिए धनराशि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 60:40 आवंटित की गई है. पूर्वोत्तर राज्यों में 90:10 और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे तीन हिमालयी राज्यों में और विधायिका के बिना संघ शासित प्रदेशों के लिए 100% केंद्रीय वित्त पोषण आवंटित किया गया है.
क्या होगा लाफ? यदि इस योजना को सही ढंग से लागू किया जाता है तो समाज के एक बड़े हिस्से तक प्रारंभिक उपचार और उपचार सेवाओं सहित स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच को बढ़ाया जा सकता है जो इन खर्चों को भी वहन करने में असमर्थ रहे हैं.
एनएचपीएस देश को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और स्वास्थ्य सेवा के लिए समान पहुंच की दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर सकता है जो संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDG3:अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण) में से एक है.
आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत जिन कल्याण केंद्रों की योजना बनाई गई है, वे नॉन-नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज की घटनाओं और प्रभाव को कम करके एक निवारक भूमिका निभा सकते हैं. प्रस्तावित एनएचपीएस सार्वभौमिक बीमा योजना का जरूरतमंदो की खुशहाली में अहम योगदान दे सकता है.