नई दिल्लीः अब जब देश का बजट पेश हो चुका है और 5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री हो चुकी है. ऐसे में इसको लेकर आम जनता के मन में कुछ सवाल हैं. कितनी टैक्स छूट मिलेगी, कितना फायदा होगा जैसे कई सवाल लोगों के मन में हैं. इन्हीं सब को लेकर एबीपी न्यूज ने इनकम टैक्स एपीलेट ट्रिब्यूनल के पूर्व मेंबर और टैक्स एक्सपर्ट अश्विनी तनेजा से चर्चा की है.

सवालः आज वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 5 लाख रुपये तक आय के टैक्स फ्री होने की घोषणा की तो इसका वास्तविक अर्थ क्या है? ये इनकम आखिरकार क्या होगी जिसे टैक्स फ्री बबताया जा रहा है?

अश्विनी तनेजाः निश्चित तौर पर इसके जरिए सरकार ने राहत प्रदान की है. इसके लिए फाइनल टैक्सेबल इनकम 5 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए यानी वो आय जिस पर टैक्स लगता है. पहले 5 लाख रुपये तक की आय वालों के सेक्शन 87 (ए) के तहत 2500 रुपये तक की टैक्स छूट मिला करती थी जिसे बढ़ाकर 12500 रुपये कर दिया गया है, बशर्ते टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा न हो. अगर 5 लाख रुपये से ज्यादा इनकम है जैसे मान लीजिए 5 लाख 10 हजार रुपये की इनकम है तो 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं होगा लेकिन उसके बाद टैक्स स्लैब के हिसाब से 5 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा.

सवालः निवेश के तहत कितना फायदा मिलेगा?

अश्विनी तनेजाः 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही टैक्स छूट मिलेगी और जैसा कि सरकार ने कहा है कि 5 लाख से ऊपर 1.5 लाख रुपये तक के निवेश करके 6.5 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स छूट ले सकते हैं. साफ है कि 5 लाख रुपये तक की आय वालों को अब कोई टैक्स नहीं देना होगा.

सवालः क्या 5 लाख से ज्यादा आय वाले भी फायदे के दायरे में आएंगे?

अश्विनी तनेजाः उदाहरण के लिए 9 लाख रुपये इनकम है और आपने 5 लाख रुपये तक का निवेश किया है और सब तरह के टैक्स छूट लेने के बाद आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक हो जाएगी और इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा यानी इस आय पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा.

सवालः 5 लाख से ज्यादा आयवालों को बड़ा फायदा तो सरकार ने नहीं दिया, ऐसे में इसका फायदा सरकार को कैसे मिल पाएगा?

अश्विनी तनेजाः सरकार का फिलहाल ध्यान निम्न आय वर्ग और मध्य आय वर्ग के ऊपर टैक्स बोझ कम करने से है. सरकार ने टैक्सपेयर्स के साथ किसानों के लिए बड़ा एलान किया है जिसे भूलना नहीं चाहिए. किसानों के लिए 6000 रुपये खाते में डालने का एलान सरकार ने किया है उसके तहत भी 75,000 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन सरकार ने किया है. अंतरिम बजट होने के चलते सरकार के पास ज्यादा गुंजाइश नहीं थी लिहाजा जितना संभव था सरकार ने टैक्सपेयर्स और किसानों दोनों वर्गों को फायदा पहुंचाने के लिए काम किया है.

सवालः हाउसिंग के लिए सरकार ने जो एलान किए हैं उसे किस तरह से समझा जा सकता है.

अश्विनी तनेजाः सेक्शन 23-24 के तहत अगर एक मकान में रहते हैं और दूसरा मकान आपके पास है तो उससे भले ही आपको कोई भी आय न हो रही है लेकिन उसकी डीम्ड रेंटल वैल्यू के ऊपर आपको टैक्स देना पड़ता था. इससे लोगों को नुकसान हो रहा था. अब सरकार ने इसमें राहत दी है और जिनके पास 2 मकान हैं तो दूसरे मकान की रेंटल वैल्यू पर लगने वाले टैक्स को आपको नहीं देना पड़ेगा.

इसके अलावा एक और राहत सरकार ने हाउसिंग सेक्टर के लिए दी है जिसे इस तरह से समझा जा सकता है कि अगर आप मकान पहले बेचते थे और दूसरा मकान लेते थे तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स छूट के दायरे में आता था जो केवल एक ही मकान के लिए था. हालांकि अब अगर 2 मकान आप खरीदते हैं तो दूसरे मकान के ऊपर भी आपको कैपिटल गेन पर टैक्स छूट मिलेगी. इसमें एक शर्त ये है कि कैपिटल गेन टैक्स की इनकम 2 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और ये छूट आप जीवन में एक बार ही हासिल कर पाएंगे.

सवालः मोदी सरकार के इस बजट को 10 में से कितने अंक देना चाहेंगे?

अश्विनी तनेजाः चूंकि ये अंतरिम बजट था लिहाजा सरकार के सामने कुछ सीमाएं थीं फिर भी सरकार ने अपनी सीमा में रहते हुए अच्छी कोशिश की है. मैं इस बजट को 10 में से 8 अंक देना चाहूंगा.

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