हलवा सेरेमनी बजट छपाई प्रक्रिया की शुरुआत का प्रतीक है, जानें बजट की ऐसी ही खास बातें
5 जुलाई को संसद में पेश होने वाले आम बजट से पहले यहां बजट से जुड़ी हुई कुछ शब्दावली और कुछ रस्मों के बारे में जानिए.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को संसद में देश का आम बजट पेश करने वाली है. मोदी सरकार अपनी एक पारी पूरी कर चुकी है, और वो दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में है. माना जा रहा है कि इस बार के बजट में लोकलुभावन वादों की जगह इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जाएगा. बजट से पहले यहां जानिए बजट से जुड़ी हुए ये खास बातें.
1. आज़ादी के बाद स्वतंत्र भारत का पहला केंद्रीय बजट 26 नवंबर 1947 को भूतपूर्व वित्त मंत्री आरके शणमुखम चेट्टी की तरफ से पेश किया गया था.
2. केंद्रीय बजट सरकार के वित्त की सबसे बड़ी रिपोर्ट है, जिसमें सभी स्रोतों से राजस्व और सभी गतिविधियों के लिए रूपरेखा को शामिल किया जाता है. इसमें अगले वित्त वर्ष के लिए भी सरकार के खातों का अनुमान शामिल है, जिसे बजटीय अनुमान कहा जाता है.
3. जब सरकार की गैर-उधार प्राप्तियां उसके पूरे खर्च से कम हो जाती हैं, तो उसे कमी को पूरा करने के लिए जनता से पैसा उधार लेना पड़ता है. सरकार की कुल कमाई जब कुल खर्च से कम हो तो उसे राजकोषीय घाटा कहा जाता है.
4. 2016 तक केंद्रीय बजट फरवरी के अंतिम वर्किंग डे पर संसद में पेश किया जाता रहा. मगर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2017 में परंपरा बदल दी और केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया.
6. हलवा सेरेमनी बजट छपाई प्रक्रिया की शुरुआत का प्रतीक है.
7. भारत की आकस्मिकता निधि कोष का उल्लेख अनुच्छेद- 267 में किया गया है. ये निधि राष्ट्रपति के अधीन में रखा गया एक कोष है, इस कोष का निर्माण इसलिए किया गया है ताकि जरूरत पढ़ने पर संसद की बिना अनुमति के भी इससे पैसा निकाला जा सके.
8. सरकार पूर्णकालिक बजट को संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत संसद में पेश करती है. वहीं अंतरिम बजट को संविधान के अनुच्छेद 116 के तहत पेश किया जाता है.
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