बजट 2019: लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर के लिए इस बजट में ये हैं उम्मीदें
लाइफ इंश्योरेंस की महत्ता इस बात से समझई जा सकती है कि ये उस समय काम आता है जब परिवार में मुख्य पालनकर्ता की मृत्यु हो जाती है.
नई दिल्लीः बजट 2019 बस आने ही वाला है और इस बार उम्मीद है कि पीयूष गोयल जिन्हें वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, बजट पेश करेंगे क्योंकि वित्त मंत्री अरुण जेटली का अमेरिका में ऑपरेशन हुआ है और उन्हें आराम करने के लिए कहा गया है.
पिछले बजट में हेल्थ सेक्टर के लिए काफी अच्छी आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम को लॉन्च किया गया जिससे देश के 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये तक के हेल्थ कवरेज का फायदा मिला. इससे हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर को भी काफी फायदा मिलने की उम्मीद है. वहीं इस बजट में लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर भी सरकार की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है.
जहां तक हेल्थ इंश्योरेंस का सवाल है लोग या तो खुद हेल्थ बीमा ले लेते हैं या एंप्लॉयर द्वारा दिया जाने वाली हेल्थ बीमा स्कीम का हिस्सा बन जाते हैं. ये जीवन बीमा यानी लाइफ इंश्योरेंस का ही सेक्टर है जिसके लिए लोगों का रुझान अभी भी ज्यादा नहीं है और सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. लाइफ इंश्योरेंस की महत्ता इस बात से समझई जा सकती है कि ये उस समय काम आता है जब परिवार में मुख्य पालनकर्ता की मृत्यु हो जाती है.
बजट 2019 बजट 2019 में लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर के लिए सरकार से बहुत ज्यादा उम्मीदें तो नहीं हैं लेकिन इतनी संभावना है कि सरकार लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर के लिए ऐसे कुछ प्रावधान करे जिससे लोग लाइफ इंश्योरेंस के जरिए और पैसा बचाने या अपना भविष्य सिक्योर करने के लिए और प्रोत्साहित हो सके. यूलिप जैसे लाइफ इंश्योरेंस प्लान के लिए सरकार कुछ और रियायतें दे सकती है जिसके जरिए लोग जीवन बीमा में ज्यादा पैसा लगा सकेंगे. सरकार को लाइफ इंश्योरेंस के लिए एक अलग टैक्स छूट की केटेगरी बना देनी चाहिए जो कि 80सी की लिमिट से अलग हो.
पिछले साल में लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम में 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई और वित्त वर्ष 2018 में जीवन बीमा कंपनियों के कारोबार में अच्छा खासा इजाफा देखा गया. देश में लाइफ इंश्योरेंस के सेक्टर में 24 कंपनियां कर रही हैं जिसमें से एलआईसी एकमात्र सरकारी कंपनी है. एलआईसी लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल के साथ मिलकर एक संयुक्त इनीशिएटिव पर काम कर रही है जिसके जरिए लाइफ इंश्योरेंस के लिए लोगों को जागरुक किया जा सके. इसके लिए संयुक्त रूप से 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. ये अगले महीने यानी फरवरी 2019 से शुरू हो जाएगा.
बजट 2019 में अगर लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए कुछ इंसेंटिव का एलान किया जाता है तो इस सेक्टर को अच्छा बूस्ट मिल सकता है और इसकी विकास दर बढ़ सकती है. खासकर युवाओं को लाइफ इंश्योरेंस लेने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है जो आजकल बचाने से ज्यादा खर्च करने पर ध्यान देते हैं. अगर युवा आयु में ही लाइफ इंश्योरेंस ले लिया जाए तो न केवल कम प्रीमियम का फायदा मिल सकता है बल्कि अच्छे कॉरपस का फायदा भी उन्हें मिल सकता है.
फिलहाल लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम सेक्शन 80सी के तहत क्लेम किए जा सकते हैं जिनपर 1.5 लाख रुपये तक की लिमिट है. सरकार से मांग है कि लाइफ इंश्योरेंस के लिए अलग केटेगरी के तहत ही टैक्स छूट का प्रावधान किया जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स बचाने के लिए लाइफ इंश्योरेंस लेने की तरफ बढ़ सकें.