नई दिल्ली: फरवरी में पेश किए अपने अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए 5 लाख तक की आय पर टैक्स छूट दी थी. अब जबकि 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल आय वाले लोगों को टैक्स पर छूट मिल रही है और 5 लाख रुपये से 10 लाख तक की आय वाले वेतनभोगियों पर 20 प्रतिशत की दर से कर लगता है, आगामी बजट में मोदी सरकार टैक्स के इस स्लैब में आने वाले लोगों को खुशखबरी तो दे सकती है, लेकिन इसमें बहुत बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं की जा रही है.
पिछले अंतरिम बजट में सरकार ने करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए अच्छी खासी छूट दी थी. माना जा रहा है कि टैक्स छूट की मूल सीमा को बढ़ाने के कारण इस बार टैक्स फाइल करने वालों में कमी आएगी, क्योंकि मूल छूट सीमा से नीचे वालों को अपने टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए अनिवार्य नहीं किया जाता है. इसलिए इस संबंध में बहुत अधिक बदलाव की उम्मीद नहीं है.
धारा 80 सी के तहत कटौती: मोदी सरकार ने अपने पहले बजट के दौरान पहले कार्यकाल में धारा 80 सी के लिए कटौती की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दी थी. हालांकि इसे लेकर लंबे समय से उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इसमें 2 लाख लेकर 2.50 लाख तक की कटौती कर सकती है. स्टैंडर्ड डिडक्शन में 10,000 रुपये की बढ़त के अलावा, अंतरिम बजट ने वेतनभोगी वर्ग को कोई विशेष लाभ नहीं दिया. इसलिए इस बार उम्मीद कर सकते हैं कि उन्हें कोई बड़ा लाभ मिल सकता है.
धारा 80 डी के तहत कटौती: डॉक्टरी खर्चों में बढ़त को देखते हुए, लोगों को चिकित्सा बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम में कटौती और निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए किए गए खर्चों में वृद्धि की उम्मीद है. उम्मीद है कि धारा 80 डी के तहत कटौती 25,000 रुपये से बढ़ाकर 35,000 रुपये (गैर-वरिष्ठ नागरिकों) के लिए की जाएगी.
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