Budget 2019: मोदी सरकार ने अपने बजट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) पर जोर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मीडिया, विमानन (एविएशन), बीमा ओर सिंगल ब्रांड रिटेल क्षेत्र में एफडीआई नियमों को और उदार करने का प्रस्ताव रखा.


निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि बीते वित्त वर्ष में देश में 64.37 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष से छह प्रतिशत अधिक है.


उन्होंने कहा, ''सरकार विमानन, मीडिया, एवीसीजी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) और बीमा क्षेत्रों को एफडीआई के लिए और खोलने को अंशधारकों के साथ विचार विमर्श करेगी.''


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सीतारमण ने कहा, ''भारत को मोस्ट फेवरेट FDI देश बनाने का सरकार का लक्ष्य है. भारत को FDI (फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट) का फेवरेट डेस्टिनेशन बनाया जाए इस दिशा में हमारी सरकार द्वारा तेजी से काम किया जाएगा.''


सरकार से मांग की गई थी कि बीमा ब्रोकरों को 100 प्रतिशत एफडीआई मंजूरी वाली अन्य वित्तीय क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों की तरह ही माना जाए. देश में 2015 तक बीमा की पहुंच 3.4 प्रतिशत आबादी तक थी जबकि इसका वैश्विक औसत 6.2 प्रतिशत है.


अभी समाचार पत्रों और समाचारों और ताजा घटनाक्रमों वाली पत्र पत्रिकाओं के प्रकाशन पर 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है. साथ ही समाचार और ताजा घटनाक्रमों वाली विदेशी पत्रिकाओं के भारतीय संस्करणों पर भी इतने ही विदेशी निवेश की अनुमति है.


भारत के लिए विदेशी निवेश काफी महत्वपूर्ण है. भारत को अपने बुनियादी ढांचा क्षेत्रों मसलन बंदरगाहों, हवाई अड्डों तथा राजमार्गों में सुधार के लिए ही अरबों डॉलर के निवेश की जरूरत है. विदेशी निवेश से जहां देश के भुगतान संतुलन की स्थिति सुधरती है वहीं अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में रुपया भी मजबूत होता है.