वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे में बताया, भारत कैसे बनेगा 5 ट्रिलियन इकोनॉमी
आज राज्यसभा में पेश किए गए आर्थिक सर्वे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारत को 2024-25 तक पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को लगातार आठ प्रतिशत पर रखने की जरूरत होगी.
नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था की सेहत का आईना समझी जाने वाली वार्षिक आर्थिक समीक्षा में देश की अर्थव्यवस्था 2024-25 तक 5,000 अरब डालर पहुंचाने के लिये 8 प्रतिशत की दर से जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि हासिल करने और निवेश बढ़ाने के उपायों पर जोर दिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024-25 तक अर्थव्यवस्था का आकार 5,000 अरब डालर पहुंचाने का महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिये आर्थिक वृद्धि को गति, मांग, निर्यात और रोजगार सृजन पर जोर देने की बात कही.
2019-20 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान
सर्वे में आर्थिक वृद्धि को लेकर कहा गया है, "चालू वित्त वर्ष 2019-20 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है. बीते वित्त वर्ष में पूरे साल वृद्धि दर के निचले स्तर पर रहने के बाद यह अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार का संकेत है." इसमें 2018-19 में राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. अंतरिम बजट में भी राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.
जनसंख्या प्रवृत्ति के बारे में आर्थिक सर्वे में बुजुर्ग आबादी के लिये तैयारी की जरूरत पर बल दिया है. इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश में वृद्धि के साथ चरणबद्ध तरीके से रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की जरूरत के बारे में कहा गया है. इसके अलावा आर्थिक समीक्षा में छोटी कंपनियों के बजाए बड़ी कंपनी बनने की क्षमता रखने वाली नई कंपनियों को बढ़ावा देने के लिये नीतियों को नई दिशा देने की भी मांग की गई है.
भारत ने चीन से ज्यादा आर्थिक वृद्धि दर रखते हुए छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना- इकोनॉमी सर्वे
देश की उपलब्धियों के बारे में कहा गया है कि जहां एक ओर साल 2014 और साल 2018 में विश्व स्तर पर उत्पादन में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, वहीं दूसरी ओर भारत ने चीन से भी ज्यादा आर्थिक वृद्धि दर को बरकरार रखते हुए छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए.
सर्वेक्षण के मुताबिक, "इन पांच सालों में औसत महंगाई दर इससे पहले के पांच सालों की महंगाई दर की तुलना में कम रही. चालू खाता घाटा (सीएडी) संतोषजनक स्तर पर बना रहा जबकि विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया."
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