देश का बजट: इनकम टैक्स पर क्या हो सकता है बजट का रुख, यहां पढ़ें सबकुछ
मौजूदा समय में 80 सी में 1.5 लाख रुपये की छूट है. इसको 30 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक बढाया जा सकता है. 80 डी में टैक्स सेविंग के दायरे को बढाया जा सकता है. फिलहाल, हेल्थकेयर क्षेत्र के इंस्टूमेंटस में निवेश पर 60 साल से कम उम्र वालों को 25 हजार रुपये की कर छूट मिलती है.
नई दिल्ली: मोदी सरकार 2 आज अपना पहला बजट पेश करने जा रही है. इस बजट मुख्य फोकस रोजगार, ग्रामीण भारत, सिंचाई संसाधन और एमएसएमई क्षेत्र पर रहने की उम्मीद है. कुल मिलाकर इस बजट में बहुत ज्यादा छूट और सीधे फायदे की उम्मीद आम लोग न करें तो ज्यादा बेहतर होगा. इसके अलावा सरकार का लक्ष्य इस बजट में मूलभूत इंफ्रास्टक्चर को बढ़ावा देने पर रहेगा. साथ ही साथ सरकार इन सभी कदमों को उठाने के साथ साथ सरकार फिस्क्ल डेफिसिट को भी 3.4 फीसदी के आस पास ही रखने की कोशिश करेगी.
इनकम टैक्स
# 80 सी में ज्यादा छूट- मौजूदा समय में 80 सी में 1.5 लाख रुपये की छूट है. इसको 30 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक बढाया जा सकता है. इसके जरिए पीपीएफ और एनपीएस जैसे माध्यमों में लोग ज्यादा निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे. इसके जरिए सरकार के पास खर्च करने को ज्यादा फंड होगा.
# 80 डी में ज्यादा छूट- 80 डी में टैक्स सेविंग के दायरे को बढाया जा सकता है. फिलहाल, हेल्थकेयर क्षेत्र के इंस्टूमेंटस में निवेश पर 60 साल से कम उम्र वालों को 25 हजार रुपये की कर छूट मिलती है. इसको कुछ हजार रुपये बढ़ाया जा सकता है जिससे हेल्थकेयर सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा.
# होम लोन- सेक्शन 24बी के तहत फिलहाल होम लोन पर छूट 2 लाख रुपये मिलती है. जिस तरह से रियल एस्टेट सेक्टर बुरी हालत में है उसको बढ़ावा देने के मकसद से सेक्शन 24बी में मिलने वाली इस छूट को बढ़ाया जा सकता है.
# टैक्स फ्री बॉन्ड्स- इस बजट में एक बार फिर से टैक्स फ्री बॉन्ड्स की वापसी हो सकती है. इस बजट में लांग टर्म टैक्स फ्री बॉन्ड्स की घोषणा हो सकती है. ये बॉन्ड्स 10 से 15 साल की अवधि के हो सकते हैं. इसके जरिए जहां सरकार को सड़क आदि के निर्माण के लिए पैसे जुटाने में आसानी होगी तो वहीं दूसरी तरफ निवेश करने वाले लोगों को अर्जित ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
# एनपीएस को बढ़ावा- न्यू पेंशन स्कीम को बढ़ावा देने के लिए बजट में कदम उठाया जा सकता है. एनपीएस स्कीम को बजट में ईईई का तमगा दिया जा सकता है. इससे ग्राहकों को रकम निकासी पर कोई ब्याज नहीं देना होगा.
इनडायरेक्ट टैक्स
# इलेक्टिक वाहन- इस बजट में ये एक ऐसा सेक्टर है जहां काफी घोषणाएं हो सकती हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों के विभिन्न कल पुर्जों पर लगने वाले आयात शुल्क में कटौती हो सकती है. इसके अलावा बैटरी आयात पर लगने वाले शुल्क को भी घटाया जा सकता है. इसके अतिरिक्त चार्जिंग इंफ्रास्टक्चर को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की टैक्स छूट और रियायतें दी जा सकती हैं.
# पावर सेक्टर- बिजली क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से पावर प्लांट के लिए कल पुर्जों के आयात पर लगने वाले शुल्क में कटौती संभव है.
पावर
# रिन्यूएबल एनर्जी- रिन्यूएबल एनर्जी का फिलहाल उत्पादन 70 गीगाबाइट है. जबकि 2020 तक लक्ष्य 700 से ज्यादा है. ऐसे में रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र को टैक्स छूट का लाभ बजट में मिल सकता है. इसके अलावा इस क्षेत्र के लिए आयात होने वाले उत्पादों पर कर लाभ मिल सकता है.
# कोल सेस- कोयले पर अतिरिक्त सेस लगाया जा सकता है जिसका सीधा उपयोग रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा.
# आईपीडीएस में बढ़ावा- केंद्र सरकार अफोर्डेबल पावर फॉर ऑल का लक्ष्य हासिल करने के लिए केंद्र सरकार आगामी बजट में डीयूजीजेवाई और आईपीडीएस स्कीम में एलोकेशन को बढ़ाया जा सकता है.
आवास एवं अन्य स्कीम
# आवास योजना- 2022 तक सभी के लिए घर के सपने को साकार करने के मकसद से इस बजट में कई अहम घोषणाएं हो सकती हैं. जहां एक ओर इनकम टैक्स में हाउसिंग लोन में छूट का दायरा बढ़ाया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर आवास फंडिंग के लिए शर्तों को आसान किया जा सकता है.
# अमरत योजना- शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के मकसद से इस योजना में एलोकेशन 12 फीसदी बढ़ाए जाने की उम्मीद है. सूत्रों का दावा है कि स्मार्ट सिटी को लेकर एलोकेशन 12 फीसदी बढ़ाया जा सकता है.