नई दिल्ली: फरवरी 2019 में 'मोदी सरकार 1' के द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट में ग्रामीण विकास पर फोकस किया गया था. उस बजट में किसान और ग्रामीण उपभोक्ता सेगमेंट पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया था. अब जबकि 'मोदी सरकार 2' जल्द ही अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने वाली है, तो उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी इसके केंद्र में किसान होंगे. हम आपको बताते हैं कि इस बार के बजट में किसानों के लिए सरकार किन प्रावधानों पर जोर दे सकती है.


(1) सरकार पैदावार में सुधार के लिए कृषि यंत्रीकरण को अपनाने के लिए प्रोत्साहन प्रदान कर सकती है.

(2) किसानों को बिचौलियों के कारण अक्सर उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता है. किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिल सके इसके लिए सरकार बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए कुछ केंद्रित प्रयास कर सकती है.

(3) कृषि उपज के भंडारण की उचित सुविधा का न होना किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या बन कर सामने आती है. इसके लिए सरकार बजट में प्रावधान कर सकती है. भंडारण की उचित सुविधा होने से किसान बाजार में फसल के सही दाम होने पर उसे बेचकर अधिक लाभ उठा सकते हैं.

(4) किसान संकट को दूर करने के लिए, सरकार प्रधानमंत्री आवास बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है. इसके साथ ही इसे लेकर सरकार इसके बारे में जागरुकता लाकर भी किसानों को फायदा दे सकती है.

(5) अतिरिक्त आय वाले किसानों की सहायता करने की दृष्टि से एमएसपी में और वृद्धि हो सकती है. हालांकि, इससे मुद्रास्फीति भी बढ़ सकती है और इसलिए सरकार को एमएसपी वृद्धि से सावधान रहने की आवश्यकता होगी. सरकार कुछ फसलों के लिए मूल्य स्थिरीकरण (जो कि एमएसपी से बाहर है) सुनिश्चित करने के लिए एक कोष बनाने पर विचार कर सकती है.

(6) खराब मानसून और प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर, यह जरूरी है कि बजट में किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने पर जोर दिया जाए. किसान सुरक्षा के लिए सब्सिडी कार्यक्रम और बीमा योजनाओं पर फोकस किया जा सकता है.

बजट में उम्मीद कर सकते हैं कि सरकार ग्रामीण विकास और किसान को केंद्र में रखते हुए उनके उत्थान पर ध्यान केंद्रित कर सकती है.

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