नई दिल्लीः मोदी सरकार के इस कार्यकाल के आखिरी महीनों में सरकार का फोकस ज्यादा से ज्यादा ऐसे एलान करने पर हैं जिसमें आने वाले लोकसभा चुनावों में बड़ा फायदा मिल सके. ऐसे में 1 फरवरी को आने वाले अंतरिम बजट से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं. हालांकि सरकार की तरफ से तो ऐसे भारी संकेत नहीं दिए गए हैं लेकिन जनता जनादर्न की यही मांग है कि इस बजट में ऐसे कदम उठाए जाएं जिससे लोगों की जेब में ज्यादा पैसा आए.


सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल के बचे हुए आखिरी महीनों के खर्च को चलाने के लिए अंतरिम बजट पेश करने जा रही है. हालांकि आजादी के बाद से सरकारें अंतरिम बजट में कुछ बड़े नीतिगत फैसले लेने से बचती रही हैं. हालांकि इसका ये मतलब ये नहीं है कि सरकार के पास ऐसा करने के लिए अधिकार नहीं है. मोदी सरकार के इस कार्यकाल का ये आखिरी बजट इस लिहाज से हो सकता है कि लोगों को चौंका दे.


इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव
जैसा कि आप जानते हैं कि देश की इकोनॉमी तीन मुख्य भागों पर निर्भर कर रही है जो कि कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर हैं. तीनों सेक्टर्स के लिए भारी मात्रा में काम करने वाले लोगों की जरुरत होती है. इसमें से भी ज्यादातर कार्यशक्ति मिडिल क्लास से आती है जिनके लिए बचत ही उनकी सबसे बड़ी पूंजी होती है. लिहाजा सरकार की तरफ से अगर इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जाता है तो ये खास तौर पर मिडिल क्लास के लिए अच्छी खबर होगी और उनकी जेब में ज्यादा पैसा आएगा.


इसके तहत अगर इनकम टैक्स स्लैब में 4 लाख या 5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री कर दी जाती है तो ये मोदी सरकार के लिए लोगों का रुझान और ज्यादा पॉजिटिव करने में मददगार साबित होगा.


मेक इन इंडिया कैंपेन
मोदी सरकार का एक और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट रहा है मेक इन इंडिया स्कीम. इसके जरिए देश में ही निर्मित उत्पादों, स्वदेशी उपकरणों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा गया. साथ ही देश के स्किल्ड लोगों के काम को आगे लाने की भी कोशिश की गई. इस स्कीम के जरिए जहां कई तरह के टैक्स बेनेफिट लोगों को देने की कोशिश की गई जैसे कि -टैक्स हॉलीडे, स्टार्टअप्स को दिए जा रहे टैक्स फायदे, स्टार्टअप्स के लिए किए जा रहे निवेश पर फायदे, रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए किए जा रहे प्रयासों पर मिलने वाले टैक्स फायदे जैसे कई और तरह के भी लाभ शामिल हैं.


हालांकि स्टार्टअप्स के लिए ये भी जरूरी है कि वो ग्लोबल मोर्चे पर अपनी पहचान बना सकें. इसके लिए इस बजट में कुछ और टैक्स इंसेटिव्स मिलने की उम्मीद कारोबारी कर रहे हैं. सरकार के एजेंडा में ये शामिल है कि देश के स्टार्टअप्स और आंत्रप्रेन्योर्स को वैश्विक पहचान दिलाई जाए. इसके लिए सरकार बजट में कुछ ऐसे प्रावधान कर सकती है जिससे मेक इन इंडिया को और बूस्ट मिल सके.


चूंकि ये एक अंतरिम बजट होगा इसलिए सरकार छोटे-छोटे कदम भी अगर लेती है तो ये बेहतर भारत बनाने की दिशा में अर्थपूर्ण कदम होगा. छोटे बदलावों के जरिए भी देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने की कोशिशों को सहारा मिल सकता है और सरकार की यही कोशिश होनी भी चाहिए.


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