नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आ चुका है. विपक्षी पार्टियों ने एक सुर में कहा है कि इस बजट में आम लोगों के लिए कुछ भी नहीं है. स्वराज इंडिया के संस्थापक और राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण को "ज़ीरो बजट स्पीच" करार दिया. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं है.


योगेंद्र यादव ने बजट 2019 पर ट्वीट कर कहा, ''कम से कम किसान के लिए तो यह "ज़ीरो बजट स्पीच" थी: न सूखे का जिक्र, न आय दोगुना करने की योजना, न किसान सम्मान निधि का विस्तार, न MSP रेट किसान को दिलवाने की पुख्ता योजना, न आवारा पशु से निपटने की कोई तरकीब.''






उन्होंने कहा, ''मोदीजी को झोली भर के वोट देने वाले किसान ने बजट सुनना शुरू करते हुए गुनगुनाया:- आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे. बजट स्पीच के अंत में उसने निराश होकर बोला- आज की रात बचेंगे तो सहर (सुबह) देखेंगे.''

निर्मला सीतारमण के बजट में बुनियादी आर्थिक और सामाजिक ढांचे के विस्तार, पेंशन और बीमा योजाओं को आम लोगों की पहुंच के दायरे में ले जाने के विभिन्न प्रस्ताव किए गए है. बजट में देश के तीन करोड़ खुदरा कारोबारियों और दुकानदारों को पेंशन सुविधा के तहत लाने की घोषणा की गयी है.

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उन्होंने कहा कि डेढ़ करोड़ रूपये से कम के सालाना कारोबार वाले तीन करोड़ खुदरा कारोबारियों और दुकानदारों को प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के तहत पेंशन योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा.


सीतारमण ने कि कहा कि बीते वित्त वर्ष में देश में 64.37 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2017-18 से छह प्रतिशत अधिक है. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस लाभ को और बेहतर करने का प्रस्ताव करती हूं जिससे भारत को विदेशी निवेश के लिए और अधिक आकर्षक गंतव्य बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार विमानन, मीडिया, एवीजीसी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) तथा बीमा क्षेत्रों को एफडीआई के लिए और खोलने को अंशधारकों के साथ विचार विमर्श करेगी.’’


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