एक्सप्लोरर

BUDGET 2020: आर्थिक सर्वेक्षण में भी एनबीएफसी की मंदी दिखी, क्या बजट में होगा कुछ उपाय

देश में एनबीएफसी का संकट गहराता जा रहा है और इस बजट में ये सेक्टर उम्मीद कर रहा है कि इसको उबारने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं.

नई दिल्लीः एनबीएफसी यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, ये सेक्टर इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है. आज के आर्थिक सर्वेक्षण में भी इससे जुड़ी बुरी खबर आयी. देश की अर्थव्यवस्था पर भी एनबीएफसी सेक्टर की समस्या बुरा असर डाल रही है. छोटे कारोबारियों को नुकसान हो रहा है क्योंकि एमएसएमई सेक्टर को कर्ज देने के अलावा रिटेल कर्ज में भी एनबीएफसी की बड़ी हिस्सेदारी है. यही वजह है कि जानकार मानते हैं कि मौजूदा आर्थिक हालात की जड़ में एनबीएफसी संकट भी है.

क्या है नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFC) नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों में बड़े-बड़े नाम शुमार हैं लेकिन इस सेक्टर की हालत बहुत अच्छी नहीं है. पहले समझ लीजिए कि इसे नॉन बैंकिंग क्यों कहते हैं और ये बैंकों से अलग कैसे है. एनबीएफसी भी बैंकों की तरह ही एक वित्तीय संस्थान है.लेकिन बड़ा फर्क ये है कि-

एनबीएफसी के पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता और एनबीएफसी डिमांड डिपॉजिट का काम नहीं कर सकते, डिमांड डिपॉजिट यानी कस्टमर बैंक में पैसा जमा करते हैं, जरूरत पड़ने पर निकालते हैं, लेकिन एनबीएफसी में बैंकों की तरह सेविंग, करेंट अकाउंट नहीं खुल सकता. एनबीएफसी अकाउंट खोलकर, आम लोगों से पैसे नहीं ले सकती.

क्या है एनबीएफसी समस्या एनबीएफसी आम तौर पर कर्ज देने का काम करती है बैंकों या दूसरी संस्थानों से पैसा लेकर छोटे और मझोले उद्योग यानी एमएसएमई सेक्टर, रिटेल ग्राहकों को कर्ज देती है लेकिन आज एनबीएफसी के पास कर्ज देने के लिए पैसे ही नहीं है और यही एनबीएफसी सेक्टर की सबसे बड़ी मुसीबत है. एनबीएफसी सेक्टर में एनपीए यानी डूबे हुए कर्ज की समस्या भी बढ़ गई है.. इनका एनपीए 2018-19 में 6.6 फीसदी पर पहुंच गया और इसी वजह से अर्थव्यवस्था में पूंजी की कमी भी दिख रही है. असर देश की जीडीपी पर भी पड़ रहा है. एनबीएफसी पर आर्थिक संकट कैसे आया इसके जवाब में माना जाता है कि खामी एनबीएफसी के बिजनेस मॉडल में ही है.

समस्या का कारण दरअसल एनबीएफसी कम समय के लिए बैंकों या दूसरे वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेती है जिसे वो रिटेल लोन जैसे कार लोन के लिए ग्राहकों को 5 साल या 7 साल के लिए देती है. रियल एस्टेट के लिए कर्ज देती है, इस वजह से एसेट-लायबिलिटी मिसमैच की समस्या पैदा हुई. यानी इनके पास मौजूदा समय में जितनी पूंजी है उससे ज्यादा देनदारी हो गई. एनबीएफसी सेक्टर का संकट 2018 में गहरा गया जब एक बड़ी कंपनी आईएलएंडएफएस डिफॉल्टर हो गई.

साल 2018 के अगस्त में एक बहुत बड़ी कंपनी थी आईएलएंडएफएस जो डिफॉल्ट हो गई. उसके ऊपर 91 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज था. ये मौजूदा संकट की शुरूआत थी. उसके बाद वित्तीय दुनिया में अफरातफरी मची. उससे ये संकट खड़ा हुआ जिसके बाद एनबीएफसी पर उन कंपनियों का भरोसा टूटा जो उसके निवेशक थे. उसके बाद 2019 में जब डीएचएफएल के ऊपर देनदारी थी और वो भी डिफॉल्ट हो गई तो दूसरा झटका लगा.

जानकार की राय आज की स्थिति में एनबीएफसी के पास कर्ज देने के लिए पैसा नहीं है क्योंकि लोग उसको कर्ज नहीं दे रहे. जिनका पैसा इन कंपनियों में लगा हुआ था उन्होंने निकाल लिया. इससे शेयर बाजार में भी अफरातफरी दिखी. म्यूचुअल फंड ने तमाम कंपनियों में से अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया. उन निवेशकों ने भी म्यूचुअल फंड की कंपनियों में से अपना पैसा निकानला शुरू कर दिया जिन म्यूचुअल फंड ने उन एनबीएफसी कंपनियों में पैसा लगा रखा था. इससे रियल एस्टेट सेक्टर, स्टील उद्योग, रोड सेक्टर के साथ-साथ एमएसएमएई सेक्टर भी प्रभावित हुआ.

संकट के इस दौर में एनबीएफसी कंपनियों का पूरा आसरा रिजर्व बैंक पर आ टिका है और ऐसे में आरबीआई पर भी एनबीएफसी कंपनियों को बचाने का बड़ा दारोमदार है और इसीलिए आरबीआई ने एनबीएफसी के लिए कुछ बड़े एलान किए हैं.

आरबीआई ने बदले नियम जिससे NBFC को मिले कर्ज आरबीआई ने एनबीएफसी संकट को कम करने के लिए नियमों में बदलाव किया, जिससे एनबीएफसी को आसानी से कर्ज मिल सके, पहले बैंक अपने कुल कर्ज का 10 फीसदी तक ही एनबीएफसी को कर्ज दे सकता था. आरबीआई ने इस सीमा को कुछ महीनों के लिए 15 फीसदी कर दिया. अक्टूबर 2018 से नवंबर 2019 के बीच बैंकों ने एनबीएफसी सेक्टर को 4.47 लाख करोड़ की मदद की. लेकिन अब भी एनबीएफसी का कहना है. कि उन्हें बैंकों से पर्याप्त कर्ज नहीं मिल पा रहा है. केवल उन्हीं को मिल रहा है जिनके पास मजबूत एसेट का बैकड्रॉप है इसीलिए एनबीएफसी अभी उबर नहीं पा रहा है.

आरबीआई की तमाम राहतों के बावजूद ये सवाल उठ रहे हैं कि एनबीएफसी के डूबते कर्ज का खतरा कहीं बैंकों की बैलेंस शीट में ना दिखने लगे. अगर ऐसा हुआ तो पहले से ही एनपीए की मार झेल रहे बैंकों के सामने एक नया और बड़ा वित्तीय संकट खड़ा हो सकता है.

इकनॉमिक सर्वे में NBFC संकट का जिक्र बजट से ऐन पहले सरकार की ओर पेश किए गए इकनॉमिक सर्वे में भी एनबीएफसी में आए क्राइसिस का जिक्र किया गया है. बताया गया है कि लगातार 2011 से 2019 तक एनबीएफसी सेक्टर का प्रदर्शन नीचे गिरता गया. अब सरकार एनबीएफसी को मदद का भरोसा दे रही है.

इकनॉमिक सर्वे में दिया गया है हेल्थ इंडेक्स का आइडिया इकनॉमिक सर्वे ने एनबीएफसी सेक्टर में आर्थिक कमजोरी को आंकने के लिए हेल्थ इंडेक्स बनाया है.अगर आप नोटिस करेंगे तो इसमें हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर से जुड़ा इंडेक्स भी है जिसमें 2014 के बाद की समस्या है जिसे पहले ही पकड़ा जा सकता था. अब इकनॉमिक सर्वे में दूसरे आडडिया का भी जिक्र है जो नीति निर्मातों को एनबीएफसी सेक्टर में आर्थिक संकट को समझने में मदद करेगी.

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

महाराष्ट्र चुनाव में बना ऐसा रिकॉर्ड, चुनाव आयोग की हो गई बल्ले-बल्ले! BJP ने यहां भी किया 'खेल'
महाराष्ट्र चुनाव में बना ऐसा रिकॉर्ड, चुनाव आयोग की हो गई बल्ले-बल्ले! BJP ने यहां भी किया 'खेल'
‘क्रिएटिव गाइडलाइन बनाने की जरूरत’, एयर इंडिया फ्लाइट में पेशाब कांड पर केंद्र और DGCA से बोला सुप्रीम कोर्ट
‘क्रिएटिव गाइडलाइन बनाने की जरूरत’, एयर इंडिया फ्लाइट में पेशाब कांड पर केंद्र और DGCA से बोला सुप्रीम कोर्ट
क्रिस्टल डिसूजा ने गुलाम गौस संग डेटिंग पर तोड़ी चुप्पी, कहा- 'जिसके पास दिमाग होगा वो समझ जाएगा'
क्रिस्टल डिसूजा ने गुलाम गौस संग डेटिंग पर तोड़ी चुप्पी, कह दी ऐस बात
RCB से जुड़ते ही गरजा लियाम लिविंगस्टोन का बल्ला, 5 छक्के लगाकर टीम को दिलाई जीत 
RCB से जुड़ते ही गरजा लियाम लिविंगस्टोन का बल्ला, 5 छक्के लगाकर टीम को दिलाई जीत 
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Asaduddin Owaisi Exclusive: Sambhal हिंसा पर Sandeep Chaudhary के तीखे सवालों का दिया ओवैसी ने जवाबBigg Boss 18: Alice Kaushik हुई घर से Eliminate, Isha, Avinash-Vivian में से किसे देखना चाहेगी विनर?क्या Suhas Khamkar दिखते हैं Salman Khan जैसे? Drug Overdose पर बनी 'Rajveer' क्या लाएगी Change?Sunny Deol-Dharmendra कैसे करते हैं एक साथ काम? Nana Patekar के गुस्से पर क्या बोले Anil Sharma?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
महाराष्ट्र चुनाव में बना ऐसा रिकॉर्ड, चुनाव आयोग की हो गई बल्ले-बल्ले! BJP ने यहां भी किया 'खेल'
महाराष्ट्र चुनाव में बना ऐसा रिकॉर्ड, चुनाव आयोग की हो गई बल्ले-बल्ले! BJP ने यहां भी किया 'खेल'
‘क्रिएटिव गाइडलाइन बनाने की जरूरत’, एयर इंडिया फ्लाइट में पेशाब कांड पर केंद्र और DGCA से बोला सुप्रीम कोर्ट
‘क्रिएटिव गाइडलाइन बनाने की जरूरत’, एयर इंडिया फ्लाइट में पेशाब कांड पर केंद्र और DGCA से बोला सुप्रीम कोर्ट
क्रिस्टल डिसूजा ने गुलाम गौस संग डेटिंग पर तोड़ी चुप्पी, कहा- 'जिसके पास दिमाग होगा वो समझ जाएगा'
क्रिस्टल डिसूजा ने गुलाम गौस संग डेटिंग पर तोड़ी चुप्पी, कह दी ऐस बात
RCB से जुड़ते ही गरजा लियाम लिविंगस्टोन का बल्ला, 5 छक्के लगाकर टीम को दिलाई जीत 
RCB से जुड़ते ही गरजा लियाम लिविंगस्टोन का बल्ला, 5 छक्के लगाकर टीम को दिलाई जीत 
Umpire Jobs: कैसे बनते हैं क्रिकेट अंपायर?, मिलती है लाखों-करोड़ों की सैलरी, ये है प्रक्रिया...पढ़ें डिटेल्स
कैसे बनते हैं क्रिकेट अंपायर?, मिलती है लाखों-करोड़ों की सैलरी, ये है प्रक्रिया...पढ़ें डिटेल्स
चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश में बवाल! एक वकील की मौत, पुलिस ने दागे 'ग्रेनेड' और जमकर भांजी लाठियां
चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश में बवाल! एक वकील की मौत, पुलिस ने दागे 'ग्रेनेड' और जमकर भांजी लाठियां
अच्छी सैलरी के बाद भी नहीं कर पा रहे बचत, यहां जानें पैसों से जुड़ी 5 आम गलतियां जो लोग अक्सर करते हैं
अच्छी सैलरी के बाद भी नहीं कर पा रहे बचत, यहां जानें पैसों से जुड़ी 5 आम गलतियां
यूपी का संभल 'धब्बा' नहीं टीका बन सकता है, बशर्ते उस पर राजनीति न हो
यूपी का संभल 'धब्बा' नहीं टीका बन सकता है, बशर्ते उस पर राजनीति न हो
Embed widget