सोमवार यानी आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2021-22 का यूनियन बजट पेश करेंगी. कोरोना संकट के बीच पेश किए जा रहे इस बजट से हर क्षेत्र को सरकार द्वारा बड़े ऐलानों की उम्मीद है. कोविड-19 महामरी के दौरान कृषि ही विकास का एकमात्र क्षेत्र था, ऐसे में केंद्रीय बजट 2021-22 से उम्मीदें अधिक हैं. इस क्षेत्र में विशेष रूप से कृषि ऋण, पीएम किसान और सिंचाई के क्षेत्रों में उच्च आवंटन देखने की संभावना है. सरकार को कृषि क्षेत्र के समग्र विकास हेतु इस बजट में स्वदेशी कृषि अनुसंधान, तिलहन उत्पाद, फूड प्रोसेसिंग और जैविक खेती के लिए अतिरिक्त धनराशि और प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है. उद्योग से जुड़े विशेषर् भई मानते हैं कि प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण योजना का इस्तेमाल किसानों को सब्सिडी देने के स्थान पर ज्यादा समर्थन देने के लिए किया जाना चाहिए.


कृषि क्षेत्र को बजट 2021-22 से उम्मीदें


1- दलहन, पशु प्रोटीन और डेयरी जैसे क्षेत्रों में आपूर्ति-मांग पर हो फोकस


डेलॉयट इंडिया के पार्टनर आनंद रामनाथन के मुताबिक बजट में दलहन, पशु प्रोटीन और डेयरी जैसे क्षेत्रों में आपूर्ति-मांग मिसमैचेस को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह अनुपात असमान रूप से हरित क्रांति फसलों की ओर था. रामनाथन आगे कहते हैं कि "यह एक निर्णायक दृष्टिकोण लेने और एक या दो क्षेत्रों जैसे तिलहन और दालों पर ध्यान केंद्रित करने का समय है, जहां हम अभी भी आयात पर निर्भर हैं और बागवानी फसलों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है."


2-फूड प्रोसेसिंग के लिए Sops


अजय एस श्रीराम, अध्यक्ष और वरिष्ठ प्रबंध निदेशक, डीसीएम श्रीराम लि. का कहना है कि,  “कृषि और इसकी संबद्ध गतिविधियों के लिए आगामी बजट में एक महत्वपूर्ण पुश की जरूरत है. फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री ने किसानों के लिए बेहतर मूल्य वसूली और बिचौलियों की लागत को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसी के मुताबिक बजट 2021-22 में फूड प्रोसेसिंग के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए जैसे ब्याज सबवेंशन, कम कर, तकनीक तक पहुंच और अन्य उपायों पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए. वे आगे कहते हैं कि , "इसके अलावा, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर मकैनिजम को ठीक किया जा सकता है और धीरे-धीरे अन्य सब्सिडी के स्थान पर किसानों का समर्थन करने के लिए उपयोग किया जाता है. किसानों को यह तय करने दें कि पैसे का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से कैसे किया जाए.


3- डीबीटी के लाभों के साथ किसान बीज खरीद सकते हैं, नई प्रोद्योगिकी का इस्तेमाल कर सकते हैं, पानी का बेहतर उपयोग भी कर सकते हैं. इसके अलावा भी ऐसे ही कई दूसरे काम किए जा सकते हैं.


4-इसके साथ ही खाद्य तेलों के आयात को कम करने के लिए तिलहन के घरेलू उत्पान को बढ़ाना जरूरी हैं और इसके लिए ज्यादा धनराशि आवंटित की जानी चाहिए.


5-सरकार को किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. इसके तहत शीतगृहों के निर्माण और भंडारण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए निवेश की भी जरूरत है.


6-विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार को डीजल पर टैक्स में कटौती और फल-सब्जियों के ट्रांसपोर्टेशन पर सब्सिडी दी जानी चाहिए. माइक्रो सिंचाई और सोलर पंप पर तीन गुना निवेश किए जाने की बात कही जा रही है. इसके साथ ही मिट्टी की नमी मापने के सेंसर के वितरण के लिए फंडिंग की भी मांग की जा रही है.


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