नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है. वहीं एक फरवरी को देश में आम बजट पेश होने वाला है. इस बीच सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि संसद के बजट सत्र के दौरान सरकार देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक लाने की योजना बना रही है.


हालांकि, इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकती है कि क्या यह वही बिल है जिसे सरकार ने 2018 में पेश करने का प्रस्ताव दिया था या यह पूरी तरह से एक नया विधेयक है. प्रस्तावित कानून के जरिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विकसित करने के लिए एक आधार प्रदान करने की संभावना है. यह बिल ब्लॉकचैन प्रमोशन, अंतर्निहित क्रिप्टोकरेंसी तकनीक और इसके उपयोगों के लिए कुछ अपवादों की भी अनुमति देगा.


केंद्रीय बैंक फिएट मुद्रा के एक डिजिटल संस्करण की आवश्यकता महसूस कर रहा है. हालांकि भारत की मौद्रिक नीति नियामक ने 2018 में क्रिप्टो लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने सितंबर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ मुकदमा दायर किया और मार्च 2020 में इसमें राहत मिली लेकिन नए बिल से क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज मालिकों के लिए चीजें मुश्किल हो सकती हैं.


बिल लाने की योजना


इस बारे में पुष्टि करते हुए यूनोकॉइन के संस्थापक और सीईओ सात्विक विश्वनाथ ने एबीपी न्यूज़ को बताया, 'हम जो समझते हैं, उससे सरकार इसे (बिल) सदन में लाने की योजना बना रही है लेकिन उसके बाद क्या होगा यह स्पष्ट नहीं है. अगर इसमें देरी हो रही है तो ज्यादा समय ले लो, या एक नई समिति का गठन किया जाएगा. हम सरकार को अपनी चिंताएं बता रहें हैं. सरकार ने 2018 में इसी तरह के बिल की योजना बनाई थी और यह पता नहीं है कि यह एक ही बिल है या एक नया बिल है. हमें और स्पष्टता के लिए इंतजार करना और देखना होगा.'


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