नई दिल्ली: हेल्थकेयर्स कंपनियों ने सरकार से आगामी बजट में हेल्थकेयर सेक्टर पर खर्चे की सीमा बढ़ाने की मांग की है. इन कंपनियों का कहना है कि स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में बुनियादी संरचना को बेहतर बनाया जाना आवश्यक है. बता दें, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 जनवरी को सुबह 11 बजे संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे. इसके बाद 1 फरवरी को सुबह 11 बजे केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा.
मणिपाल हॉस्पिटल्स के एमडी और सीईओ दिलीप जोस ने एक बयान में कहा, "स्वास्थ्य सेवा में सार्वजनिक खर्च अगले तीन सालों में जीडीपी के कम से कम 2.5 फीसदी तक बढ़ाने की जरूरत है, जो कि अभी महज 1.2 फीसदी है. इसमें से अधिकांश निवेश हमारे बुनियादी ढांचे के निर्माण और आधुनिकीकरण में किया जाना चाहिए. उम्मीद है, 2021-22 के बजट में इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा."
"बजट आवंटन बढ़ाया जाना आवश्यक"
मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर के एमडी अमीरा शाह ने बजट से अपेक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, "भारत में पर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी और एक दायरे से अधिक खर्च संयुक्त रूप से भारतीय परिवारों पर उच्च वित्तीय बोझ डालती है. इसलिए स्वास्थ्य व चिकित्सा क्षेत्र के लिए बजट आवंटन बढ़ाया जाना अत्यावश्यक है. सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था को मजबूत करना समय की जरूरत है."
यूनीमास्क के सीईओ कपिल भाटिया ने कहा, "एमएसएमई हमेशा से भारत की जीडीपी में 29 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि सरकार अनुकूल नीतियों को फिर से स्थापित करेगी और एमएसएमई के विकास के लिए पर्याप्त धन आवंटित करेगी. भारतीय उद्यमियों को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट 2021 इस क्षेत्र को क्रेडिट और उदार कराधान नीतियों तक बेहतर पहुंच के साथ कुछ दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगा."
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