आगामी बजट 2021-22 में इस वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के पथ का निर्धारण किया जाएगा. इसी के साथ  सभी की निगाहें इस बात पर टिकी होंगी कि सरकार ने अपने ब्रीफकेस में कृषि क्षेत्र के लिए क्या सौगात रखी है. गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा के किसान सितंबर 2020 में संसद में पारित तीन कृषि बिलों के खिलाफ पिछले डेढ़ महीन से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर धरना- प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं सरकार ने अब किसानों की भरपाई करने और किसान-केंद्रित नीति दिखाने के उपायों को लागू करना शुरू कर दिया है. हालांकि इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के विकास के लिए पहले भी कई उपाय किए गए हैं.


आगामी बजट में किसानों के लिए कई योजनाओं का हो सकता है ऐलान


बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री समीर नारंग ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस को बताया, "सरकार ने कृषि के लिए कई योजनाओं को लागू किया है, जैसे कि पीएम किसान के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, कृषि श्रमिकों के लिए मनरेगा योजना, 1 लाख करोड़ रुपये का कृषि अवसंरचना कोष और ब्याज उपादान.” इसके अलावा, कृषि क्षेत्र के लिए क्रेडिट गारंटी योजना दी गई है जो बिल्कुल एमएसएमई की तरह ही है. वहीं समीर नारंग ने कहा कि आगामी बजट में किसानों को और ज्यादा सुविधा देने के लिए कुछ बीमा योजनाओं का ऐलान किया जा सकता है.


बजट में नए कानूनों के लिए अतिरिक्त धन हो सकता है आवंटित


गौरतलब है कि नए कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य को शामिल नहीं करने पर किसानों द्वारा आंदोलन किया जा रहा हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  किसानों को आश्वस्त कर चुके हैं कि एमएसपी सुविधा वापस नहीं ली जाएगी बावजूद इसके किसान कानूनों में एमएसपी के प्रावधान को जोड़ने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, सरकार अभी तक इसके लिए सहमत नहीं हुई है. फिर भी, आगामी बजट में, सरकार नए कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अतिरिक्त धन आवंटित कर सकती है.


किसानों की आशंकाओं को दूर करेगा बजट 2021-2022


कहा जा रहा है कि आगामी बजट सरकार को किसान समुदाय के विभिन्न वर्गों की आशंकाओं को दूर करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान कर रहा है.वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के सामने पुराने कानूनों के विपरीत, बजट 2021 में प्रमुख फसलों के लिए एमएसपी आवंटित करने और कृषि कानूनों के प्रभावी और निर्बाध कार्यान्वयन के लिए धन उपलब्ध कराया जा सकता है.


कृषि क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था को लॉकडाउन के समय दी मजबूती


गौरतलब है कि कोरोना संकट के समय जब लॉकडाउन लगाया गया था उस दौरान बड़े से बड़े सेक्टर भी पटरी से उतर गए थे. ऐसे समय में कृषि क्षेत्र ही अकेला ऐसा सेक्टर था जो अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा था.  सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए पहले अग्रिम अनुमानों से भी पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र के 3.4 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है. वहीं ध्यान देने योग्य बात ये है कि विनिर्माण और निर्माण क्षेत्रों को पूरे वित्त वर्ष में 9.4 प्रतिशत और 12.6 प्रतिशत सिकुड़ने की उम्मीद है.


ये भी पढ़ें


Budget 2021: क्या सरकार देगी इनकम टैक्स में छूट, जानें कहां मिल सकती है राहत


SEBI के बाद स्टॉक एक्सचेंजों ने भी दी रिलायंस-फ्यूचर डील को मंजूरी