नई दिल्ली: देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण महंगाई भी बढ़ती है. फिलहाल के दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें देश में अपने उच्च स्तर तक पहुंच चुकी है. ऐसे में बजट में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर राहत की मांग की जा रही है.


मुंबई जैसे शहर में पेट्रोल की कीमत 90 रुपये के पार हो चुकी है. वहीं दिल्ली में भी पेट्रोल और डीजल रिकॉर्ड कीमत पर बिक रहा है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल के कारण आम लोगों की जेब पर काफी बोझ पड़ रहा है. वहीं लोगों को इस बार बजट से उम्मीद है कि सरकार पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर ब्रेक लगाने के लिए कुछ ऐलान कर सकती है.


दरअसल, भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल है, जहां पेट्रोलियम पदार्थों पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूल किया जाता है. भारत में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी (बिक्री कर) काफी ज्यादा है. जिसके कारण लोगों को पेट्रोल और डीजल काफी महंगा पड़ता है. इसके अलावा राज्य सरकारों की ओर से पेट्रोलियम पर वैट भी वसूल किया जाता है, जिसके कारण भी ईंधन की कीमतें और ज्यादा बढ़ जाती है.


टैक्स से मोटी आमदनी


कोरोना काल के कारण जहां सब सेक्टर आर्थिक नुकसान झेल रहे थे तो वहीं सरकार की मोटी आमदनी ईंधन पर लगने वाले टैक्स से ही हो रही थी. कोरोना काल के कारण दुनिया में कच्चे तेल की मांग में कमी देखी गई थी, जिसके कारण कच्चे तेल के दामों में भी गिरावट आई थी. हालांकि इसका असर भारत में देखने को नहीं मिला और पेट्रोल-डीजल के दामों में कुछ खास गिरावट नहीं देखी गई.


बजट से उम्मीद


वहीं अब बजट में उम्मीद की जा रही है कि सरकार की ओर से ईंधन पर लगने वाले टैक्स में थोड़ी कटौती की जाए. हालांकि मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार की ओर से ऐसा कदम उठाया जाना मुश्किल दिखाई देता है. वहीं पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में ईंधन की कीमतों में किसी भी प्रकार से कमी करने का ऐलान लोगों के लिए राहत लेकर आ सकता है.


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