Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से टूरिज्म सेक्टर को मिलेगी बड़ी सौगात, टेक्स में मिलेगी राहत
Tourism Industry: पिछले 3 साल से टूरिज्म सेक्टर कोरोना महामारी के चलते कमाई नहीं पाया था, लेकिन इस साल से वापस पटरी पर लौट आया है. इस सेक्टर को बजट में सरकार से खास उम्मीदें है..
Tourism Industry Budget 2023 Expectations : संसद में 1 फरवरी 2023 को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आम बजट (Union Budget 2023) पेश करने जा रही हैं. कई सेक्टर इस बजट में अगले वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे है. साथ ही देश के टूरिज्म सेक्टर (Tourism Sector) को पिछले लंबे समय से उद्योग का दर्जा मिलने का अनुमान इस बार पूरा होता दिख रहा है. सरकार इस सेक्टर को अपने लिए बड़ा आर्थिक आय का साधन मानती है. सीतारमण के पिटारे से टूरिज्म सेक्टर को बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है. वहीं इस योजना का सीधा लाभ देश की आम जनता को मिलता है. जानिए इस सेक्टर को सरकार से क्या-क्या उम्मीदें है...
भारत में आय का बड़ा स्रोत टूरिज्म
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टूरिज्म के जानकारों की माने तो, कि भारत सरकार के लिए टूरिज्म आय का बड़ा स्रोत है. इससे विदेशी मुद्रा में बढ़ावा मिलता है. भारत में वैकेशनर्स से पर्यटन में काफी इजाफा हुआ है. अंतर्देशीय व्यापार यात्रा के संदर्भ में, भारत अपने विदेशी प्रतिस्पर्धियों से कई गुना आगे चल रहा है, लगभग 18 फीसदी भारतीय अपनी नौकरी से संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए देश में यात्रा करते हैं.
रोजगार से जुड़ा बड़ा सेक्टर
जानकारों की माने तो, देश में सभी राज्यों सरकारों द्वारा स्थानीय और राष्ट्रीय पर्यटन प्रोत्साहन नीतियों की स्थापना की मांग की जानी चाहिए. देश में पर्यटन क्षेत्र अच्छा फलफूल रहा है. देश की अर्थव्यवस्था में 2023 में पर्यटन उद्योग से $15.9 ट्रिलियन (लगभग 215 बिलियन अमरीकी डालर) से अधिक का योगदान होने का अनुमान है. इस साल यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में लगभग 35 मिलियन नौकरियां मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
पर्यटन को मिले उद्योग का दर्जा
होटल और पर्यटन उद्योग के लिए अभी कठिन दौर चल रहा है. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से पिछले 3 साल प्रभावित होने के बाद अब जाकर कुछ हालत सुधरे है. पर्यटन क्षेत्र में धीमी वृद्धि देखी गई है. कई व्यवसायों ने प्रमुख कर्मचारियों और महत्वपूर्ण ग्राहकों को खो दिया है, और प्रगति स्थिर हो गई है. पर्यटन उद्योग में निवेश की जाने वाली धनराशि रिकॉर्ड निम्न स्तर पर है. सालाना 35 से 50 मिलियन लोगो को रोजगार देने वाले इस सेक्टर को केवल 2,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटन मिलता है. पर्यटन क्षेत्र को अगले 2 सालो के लिए प्राथमिकता क्षेत्र घोषित कर औद्योगिक दर्जा मिलना चाहिए.
जीएसटी से मिल सकती है राहत
वहीं, होटल बुकिंग पर लगाने वाले 12 फीसदी के जीएसटी पर विचार किया जा रहा है. इसकी वजह से यात्रा के दौरान होने वाले खर्च में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. फिलहाल ये टैक्स रेट लोगों को यात्रा करने में कहीं न कहीं कठिनाई पैदा कर रहे हैं. पर्टयन क्षेत्र को सरकार से जीएसटी में कुछ राहत की उम्मीद है.
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