Union Budget 2023: इनकम टैक्स के बोझ से परेशान सैलरीड क्लास! महंगी EMI और महंगाई के मद्देनजर कर रहा टैक्स घटाने की मांग
India Budget 2023: महंगाई, महंगी जीएसटी और महंगी ईएमआई से परेशान टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि मोदी सरकार अपने आखिरी पूर्ण बजट में टैक्स के बोझ को कम करेगी.
Budget 2023 for Salaried: साल 2022 सैलरीड क्लास के लोगों के लिए बेहद चुनौतिपूर्ण रहा है. महंगाई ने साल की शुरुआत से ही मिडिल क्लास की जेब पर डाका डाल रखा था. पेट्रोल-डीजल, पीएनजी-सीएनजी से लेकर साग-सब्जी, खाने के तेल, दूध-दही और आटा-चावल की महंगाई हर किसी ने बीते वर्ष महसूस की है और अब तक इससे राहत नहीं मिल पाई है. महंगाई पर नकेल कसने के लिए आरबीआई ने पॉलिसी रेट्स को बढ़ाते हुए रेपो रेट बढ़ा दिया तो उन सभी लोगों के घर पर महंगाई का डाका पड़ गया जिन्होंने होम लोन लिया हुआ था. ऐसे लोगों की ईएमआई 15 से 30 फीसदी तक महंगी हो गई.
टैक्स से बोझ से परेशान टैक्सपेयर!
सपना शर्मा ( नाम बदला हुआ) एक सैलरीड क्लास महिला है जो दिल्ली एनसीआर के गुड़गांव में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती है. सपना की सलाना आय करीब 14 लाख रुपये से थोड़ा ज्यादा है. सपना ने होम लोन लिया हुआ है और बचत के लिए निवेश भी करती है. होम लोन के ब्याज पर मिलने वाले टैक्स छूट और 80C के तहत निवेश पर मिलने वाले टैक्स छूट के बाद उनका टैक्सेबल इनकम 10.25 लाख रुपये बनता है. सपना इस बात से परेशान है कि 2022-23 में उन्हें करीब 1.25 लाख रुपये इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा.
2.50 लाख रुपये के इनकम पर सपना को कोई टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन 2.50 से 5 लाख रुपये के आय पर 5 फीसदी टैक्स यानि 12,500 रुपये, 5 से 10 लाख रुपये के आय पर 20 फीसदी यानि 1 लाख रुपये और 10 लाख से ऊपर बचे 25,000 के आय पर 30 फीसदी टैक्स यानि 7500 रुपये टैक्स सपना को देना होगा. यानि सपना को कुल सेस सरचार्ज मिलाकर 1.25 लाख रुपये के करीब टैक्स का भुगतान करना पड़ रहा है.
मिडिल क्लास पर टैक्स की मार!
सपना को इस बात से आपत्ति है कि सरकार पुराने टैक्स व्यवस्था में 5 फीसदी के बाद सीधे 20 फीसदी टैक्स सरकार वसूलती है. और 5 लाख रुपये से ज्यादा टैक्सेबल इनकम होने पर 12,500 रुपये का टैक्स रिबेट भी नहीं देती है. उनका ये भी कहना है कि होम लोन लेने पर केवल 2 लाख रुपये तक ब्याज के भुगतान पर टैक्स छूट मिलता है जबकि उन्हें हर साल 4 लाख के करीब ब्याज का भुगतान करना पड़ता है. बाकी बचे 2 लाख रुपये जो वो ब्याज भरती हैं उसपर टैक्स का भुगतान करना होता है. उनका ये भी कहना है कि 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट मिलता है और 2014 के बाद से इस सीमा में बदलाव नहीं किया गया है. बच्चों की ट्यूशन फीस भी इसी में आता है.
टैक्स का बोझ कर करें वित्त मंत्री
ऐसे में सपना शर्मा चाहती हैं मोदी सरकार और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने आखिरी बजट में टैक्स का बोझ घटाकर टैक्सपेयर्स को राहत दे जिससे महंगाई से उसे राहत मिल सके. टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाये साथ ही होम लोन के ब्याज पर मिलने वाले टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर कम से कम 3 लाख रुपये करे. और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 80सी के तहत टैक्स छूट हासिल करने के लिए निवेश की सीमा को बढ़ाकर कम से कम 2.50 लाख रुपये करे.
सपना का कहना है कि एक तो खाने-पीने की चीजों की महंगाई है उसपर से हर जरुरी वस्तुओं के दाम बढ़ते जा रहे हैं. सरकार ने पैक्ड फूड आईटम्स पर जीएसटी बढ़ाकर लोगों पर टैक्स का बोझ बढ़ा दिया है. बच्चों की ट्यूशन फीस भी महंगी होती जा रही है. ऐसे में वो चाहती हैं कि मोदी सरकार ऐसा बजट पेश करे जो सरकार का खजाना भरने वाले मिडिल क्लास के लिए अच्छे दिन लेकर आए ना कि मिडिल क्लास को और ज्यादा टैक्स के दलदल में धकेले.
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