Union Budget 2023: जानिए कहां से सरकार के पास आता है पैसा और कहां करती है उसे खर्च
India Budget 2023: क्या आप जानते हैं सरकार जो एक रुपये जुटाती है उसमें से 34 पैसे कर्ज के तौर पर उसे आता है और 20 पैसे कर्ज के ब्याज के भुगतान में ही खर्च हो जाता है.
Budget 2023: मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश कर दिया है. पर क्या आप जानते हैं सरकार जो बजट में अलग अलग योजनाओं के लिए पैसे का आवंटन करती है वो पैसा कहां से आता है. आपको ये जानकार हैरानी होगी सरकार सबसे ज्यादा उधार लेकर पैसा खर्च करती है. सरकार को बाकी पैसा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स से होने वाले राजस्व से प्राप्त होता है.
कहां से सरकार जुटाएगी पैसे!
मान लिजिए कि मोदी सरकार 2023-24 में जो एक रुपये खर्च करेगी वो पैसा उसके पास कहां से आएगा. एक रुपये में 34 पैसे सरकार उधार लेकर लेगी. 17 पैसे सरकार के जीएसटी से हासिल होगा. 15 पैसे उसे कॉरपोरेट टैक्स के जरिए प्राप्त होगा. 15 पैसे इनकम टैक्स से 4 पैसे देश में इंपोर्ट होने वाले सामानों पर कस्टम ड्यूटी के जरिए हासिल होगा. 7 पैसे सरकार पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लगाकर हासिल करेगी. 5 पैसे नॉन टैक्स रेवेन्यू के जरिए प्राप्त होगा. एक रुपये में 2 पैसे सरकार गैर-कर्ज पूंजी प्राप्तियों के जरिए पैसे जुटाएगी.
कहां खर्च करेगी सरकार!
एक रुपये जो सरकार को प्राप्त होगा उसमें से 20 पैसे लिए गए उधार पर ब्याज चुकाने में सरकार खर्च करेगी. 18 पैसे सरकार वसूले गए टैक्स और शुल्कों में राज्यों को उनका हिस्से के तौर पर अदा करेगी जिससे वे अपना खर्च चला सकें. 17 पैसे सरकार अपनी योजनाओं पर खर्च करेगी. 9 पैसे वित्त आयोग और अंतरण के सिफारिशों के आधार पर पैसे ट्रांसफर करेगी. केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं पर 17 पैसे खर्च करेगी. रक्षा क्षेत्र पर 8 पैसे आम लोगों को सब्सिडी देने पर भी 7 पैसे खर्च किया जाएगा. 4 पैसे सरकार पेंशन देने पर और 8 पैसे अन्य प्रकार के व्यय पर सरकार खर्च करेगी.
इन आंकड़ों को देखकर एक बात को साफ है कि सरकार के अपने राजस्व का बड़ा भाग लिए गए कर्ज के ब्याज के भुगतान में खर्च करना होता है. केंद्र सरकार व्यय और आय के बीच का अंतर को पाटने के लिए अगले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड 15.4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना बना रही है. ये 31 मार्च, 2023 को खत्म हो रहे चालू वित्त वर्ष में लिए गए कुल कर्ज 14.21 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है.
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