Agriculture Budget 2023: केंद्र सरकार 2023-24 के केंद्रीय बजट में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर आंदोलन करने वाले किसान समुदाय को संतुष्ट करने की जरूरत है, सरकार के सामने कई विकल्प हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. कृषि क्षेत्र को हमेशा एक ऐसे क्षेत्र के रूप में देखा गया है, जिसमें बहुत अधिक राजस्व पैदा करने की क्षमता है.
डेलाइट इंडिया की रिपोर्ट में क्या है
डेलॉइट इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह देश के लिए 800 बिलियन डॉलर से अधिक का राजस्व उत्पन्न कर सकता है और 2031 तक 270 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश. रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि सरकार को कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए प्रौद्योगिकी अपनाने का समर्थन करने को नीतियां पेश करनी चाहिए और कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप को प्रोत्साहन देना चाहिए.
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने भी दिए थे सुझाव
उद्योग निकाय पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने इस महीने की शुरुआत में जारी अपने बजट पूर्व ज्ञापन में कहा था, 'अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन को बढ़ाने के लिए हम कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में और सुधारों का सुझाव देते हैं. कृषि अवसंरचना में सार्वजनिक निवेश, ग्रामीण अवसंरचना रसद और कोल्ड चेन में सुधार की आवश्यकता है क्योंकि यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और ग्रामीण उद्यमिता के स्तर को बढ़ाने में मदद करेगा.
अगले लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को लुभाने की कोशिशें
इसने आगे कहा कि इससे वैश्विक कृषि और खाद्य निर्यात में भागीदारी बढ़ेगी. कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों का निर्यात 2021-22 में लगभग 50 बिलियन डॉलर के वर्तमान स्तर से अगले तीन वर्षों में 100 बिलियन डॉलर के स्तर तक बढ़ाया जाना चाहिए. केंद्र सरकार भी किसानों के साथ अपने संबंधों को सुधारने को इच्छुक है, खासकर तब जब लोकसभा चुनाव सिर्फ एक साल दूर हैं और नौ राज्यों में इसी साल चुनाव होने हैं. जुलाई 2022 में सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी सुनिश्चित करने के लिए एक पैनल का गठन किया था, जिसके अध्यक्ष सेवानिवृत्त कृषि सचिव संजय अग्रवाल हैं.
कृषि समुदाय के लिए रियायतें आ सकती हैं
समिति का गठन सरकार द्वारा नवंबर 2021 में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद किया गया था. केंद्र ने तीनों कानूनों को निरस्त करते समय आंदोलनकारी किसानों से वादा किया था कि वह एमएसपी पर कानूनी गारंटी सुनिश्चित करने के मामले को देखेगा. भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसानों का एक प्रमुख वोट बैंक होने के कारण सरकार आगामी बजट में कृषक समुदाय के लिए रियायतें लेकर आ सकती है.
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