Budget 2023: Home Loan पर टैक्स बेनिफिट के लिए सरकार को अलग से करनी चाहिए व्यवस्था, बढ़ गई हैं प्रॉपर्टी की कीमतें
Budget 2023: पिछले कुछ वर्षों में प्रॉपर्टी की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. साथ ही, होम लोन का टिकट साइज भी बढ़ा है. ऐसे में सरकार को टैक्स बेनिफिट की सीमा बढ़ानी चाहिए.
Union Budget 2023: रियल एस्टेट की कीमतों में बेतहाशा हो रही बढ़ोतरी की वजह से किसी भी युवा जोड़ी के लिए बिना होम लोन (Home Loan) लिए बिना घर खरीदना लगभग असंभव सा है. पिछले कुछ वर्षों में होम लोन के टिकट साइज में भी लगातार बढ़ोतरी हुई है. इस आलेख के जरिये केंद्र सरकार से हम गुजारिश करना चाहेंगे कि होम लोन रीपेमेंट के लिए एक अलग धारा जोड़ी जाए जिसके तहत आयकर में कटौती (Deductions) का लाभ मिले और आयकर कानून में संशोधन कर होम लोन पर मिलने वाले कटौती के लाभ को तर्कसंगत बनाया जाए.
होम लोन के रीपेमेंट पर वर्तमान में कितनी मिलती है छूट?
फिलहाल, आयकर अधिनियम की धारा 80सी (Section 80C) के तहत एक व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) एक साल के दौरान होम लोन के मूलधन के भुगतान पर 1.50 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ प्राप्त कर सकता है. यह होम लोन घर की खरीदारी के लिए या घर बनवाने के लिए लिया गया हो सकता है. होम लोन पर कटौती का यह लाभ धारा 80सी के तहत आने वाले विभिन्न विकल्पों के साथ ही मिलता है जिसमें कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)/NPS, स्कूल की ट्यूशन फीस, जीवन बीमा का प्रीमियम, पीपीएफ, ईएलएसएस, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, सुकन्या समृद्धि योजना आदि शामिल हैं.
होम लोन के मूलधन के पुनर्भुगतान (Home Loan Repayment) पर कटौती का यह लाभ बैंकों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों जैसे विशेष संस्थानों से लिए गए कर्ज पर मिलता है. कटौती का यह लाभ वैसे कर्मचारी भी उठा सकते हैं जिन्होंने अपने नियोक्ता से होम लोन लिया है. ऐसे नियोक्ताओं में सार्वजनिक कंपनियां, यूनिवर्सिटी, या स्थानीय प्राधिकरण या कोई सहकारी सोसायटी या कोई संवैधानिक प्राधिकरण या राज्य या केंद्र सरकार द्वारा स्थापित कॉरपोरेशन या पब्लिक कंपनियां शामिल हैं. होम लोन पर कटौती के लाभ का दावा घर के पजेशन मिलने या घर का कंस्ट्रक्शन पूरा होने के बाद किया जा सकता है.
क्यों बढ़नी चाहिए होम लोन पर कटौती की सीमा
2003 में धारा 80सी लाया गया था जिसकी शुरुआती सीमा 1 लाख रुपये थी. इसकी सीमा 2014 में बढ़ाकर 1.50 लाख कर दी गई. अगर हम पिछले 19 साल में महंगाई की औसत दर के हिसाब से देखें तो धारा 80सी की यह सीमा आज की तारीख में 3.02 लाख रुपये होनी चाहिए. एक तरफ जहां सरकार धारा 90सी के तहत कटौती की सीमा आनुपातिक तौर पर नहीं बढ़ा रही, वहीं इस धारा के तहत पिछले वर्षों के दौरान कई और चीजें जोड़ी गई हैं, उदाहरण के तौर पर वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), नेशनल पेंशन सिस्टम, टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट्स, सुकन्या समृद्धि योजना आदि. इससे आयकर अधिनियम की धारा 80CCE के तहत आने वाले धारा 80सी, 80सीसीसी और 80 सीसीडी(2) के तहत मिलने वाली कुल कटौती की सीमा बढ़ने की उम्मीद जगती है.
प्रॉपर्टी महंगी होने से होम लोन की रकम भी बढ़ी
वास्तविक आधार पर देखें तो पिछले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट की लगातार बढ़ती कीमतों की वजह से होम लोन की जरूरत की राशि में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. कुछ मामलों में अनिवार्य जरूरतें जैसे बच्चों की स्कूल फीस, कर्मचारी भविष्य निधि में योगदान और जीवन बीमा पॉलिसी का प्रीमियम धारा 80सी की 1.50 लाख रुपये की सीमा को पार कर जाता है. इस प्रकार, होम लोन लेने वाला व्यक्ति कई बार होम लोन के मूलधन के रीपेमेंट पर कटौती का दावा भी नहीं कर पाते हैं.
इन तथ्यों को देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री से मेरा अनुरोध होगा कि वह होम लोन के मूलधन के भुगतान को धारा 80सी से अलग कर एक अलग धारा में समायोजित करें. इससे बहुत सारे लोग होम लोन लेकर घर खरीदने को उत्सुक होंगे और इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा.
अंडरकंस्ट्रक्शन घर पर भी मिले आयकर में कटौती का लाभ
रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में हो रही अप्रत्याशित देरी के कारण होम लोन लेने वाला व्यक्ति विना पजेशन मिले रेगुलर ईएमआई का भुगतान शुरू कर देता है. इसलिए, सरकार से मेरी गुजारिश होगी कि भले ही निर्धारित समय में घर का पजेशन न मिला हो, होम लोन लेने वाले व्यक्ति को रेगुलर ईएमआई के भुगतान पर कटौती की सुविधा मिलनी चाहिए. इसी प्रकार, वर्तमान में निर्माण के दौरान दिए गए ब्याज पर कटौती का लाभ निर्माण समाप्त होने वाले साल से 5 बराबर किस्तों में उठाया जा सकता है. सेल्फ-ऑक्यूपायड प्रॉपर्टी के मामले में इसकी कुल सीमा 2,00,000 रुपये है. वित्त मंत्रीजी से मेरा अनुरोध है कि निर्माण के दौरान दिए गए ब्याज को दो लाख की सीमा के अतिरिक्त 5 किस्तों में चुकाने और उस पर कटौती का लाभ प्राप्त करने की व्यवस्था करें.
(लेखक टैक्स एवं इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट हैं. प्रकाशित विचार उनके निजी हैं. इनका ट्विटर हैंडल @jainbalwant है.)