Budget 2023: प्री-बजट मीटिंग से लेकर हलवा सेरेमनी तक, देश के बजट तैयार करने से जुड़ी ये हैं रोचक जानकारियां
India Budget 2023: क्या आपको पता है कि भारत का बजट किस तरह से बनता है. आज हम आपको इसे तैयार करने के पूरे प्रोसेस के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
India Budget 2023: वित्त वर्ष 2023-24 का बजट (Union Budget 2023) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा 1 फरवरी, 2023 को संसद में पेश किया जाएगा. पूरी दुनिया में मंदी के आसार (Recession in World Economy) को देखते हुए सभी लोगों की निगाहें सरकार के एलानों और टैक्स स्लैब पर रहेगी. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत समेत पूरी दुनिया के इकोनॉमी पर असर पड़ा है. इसके साथ आगे आने वाले समय में देश की आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार का क्या प्लान है यह सभी इस बजट में दिख सकता है. यह मोदी सरकार (Modi Government) के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होगा. साल 2024 चुनावी साल है. आज हम आपको बजट तैयार करने के पूरे प्रोसेस के बारे में जानकारी दे रहे हैं-
कैसे तैयार होता है देश का बजट?
सबसे पहले वित्त मंत्रालय एक सर्कुलर के जरिए सभी मंत्रालय, UTs , सभी सरकारी सेक्टर, ट्रेड यूनियनों, इकोनॉमिस्ट, राजस्व विभाग और अलग-अलग सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स से जुड़े लोगों को बजट के बारे में जानकारी देता है. इसके बाद वित्त मंत्री इन सभी लोगों से बजट से पहले यानी प्री-बजट मीटिंग में चर्चा करती हैं. इसके साथ ही सभी को आगे आने वाले फाइनेंशियल ईयर के लिए उनके खर्चों का अनुमान लगाने को कहा जाता है. इसके साथ ही पिछले साल के खर्च का रिकॉर्ड भी देखा जाता है. इस बैठक में फाइनेंस मिनिस्ट्री सभी खर्च का ब्लूप्रिंट तैयार करता है और फिर सभी अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा होती है.
बजट से पहले लिया जाता है आखिरी निर्णय
प्री-बजट मीटिंग (Pre-Budget Meetings) खत्म होने के बाद वित्त मंत्रालय अधिकारियों से चर्चा के बाद प्रधानमंत्री से सलाह लेता है. इसके लिए वित्त मंत्री और पीएम की मीटिंग होती है. इस साल यह मीटिंग 13 जनवरी, 2023 को होगा. इसके बाद पीएम की सहमति के बाद बजट की कॉपी को तैयार करने का प्रोसेस शुरू हो जाता है.
जानें क्या है हलवा सेरेमनी
बजट की तैयारी पूरी होने के बाद हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता है. हलवा सेरेमनी (Halwa Ceremony) की परंपरा सालों से चली आ रही है. इसका आयोजन बजट के दस्तावेजीकरण के बाद किया जाता है. भारतीय परंपरा में हर शुभ काम की शुरुआत से पहले कुछ मीठा खाने को बेहद खुश माना जाता है. इस मौके पर वित्त मंत्रालय के अधिकारी, वित्त मंत्री और राज्य वित्त मंत्री मौजूद रहते हैं. कोरोना महामारी वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 का बजट का दस्तावेज नहीं छपा था और यह डिजिटल तरीके से ही पेश किया गया था.
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