तैयार हुई 35 आइटम्स की लिस्ट जिनपर बढ़ सकती है कस्टम ड्यूटी, जानें प्लास्टिक के सामान सहित कौन से उत्पाद हैं शामिल
Budget 2023: आने वाले बजट में करीब 35 ऐसे आइटम्स हैं जिन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है और ऐसा होने से इनके महंगे होने की संभावना है. जानिए किन आइटम्स की बात हो रही है यहां.
Budget 2023: देश में करीब 35 ऐसे आइटम्स की पहचान की जा चुकी है जिनपर संभवतः आने वाले बजट में कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है. बजट 1 फरवरी को आने वाला है और इसके लिए वित्त मंत्रालय सहित कई मिनिस्ट्री में तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही हैं.
किन-किन उत्पादों का आयात हो सकता है महंगा
प्राइवेट जेट्स, हैलीकॉप्टर्स, हाई एंड या महंगे इलेक्ट्रोनिक आइटम्स, प्लास्टिक के सामान, ज्वैलरी, हाई-ग्लॉस पेपर और विटामिन्स उन आइट्म्स में शामिल हैं जिनको सरकार ने कस्टम ड्यूटी बढ़ाने वाली लिस्ट में शामिल किया है. ये लिस्ट कई मंत्रालयों से मिले जानकारी के आधार पर तैयार की गई है और इनपर नजर डाली जा रही है-एक सरकारी अधिकारी ने ये जानकारी दी है.
क्यों कर रही है सरकार ये कवायद
दरअसल सरकार की इस कवायद का मकसद ये है कि देश में इन उत्पादों का आयात कम किया जाए और इनकी लोकल मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जाए. वास्तव में इस प्रक्रिया की शुरुआत दिसंबर से ही हो चुकी है जब वाणिज्य मंत्रालय ने अलग-अलग मिनिस्ट्री से कहा कि वो ऐसे आइटम्स के बारे में जानकारी दें जो नॉन-इसेंशियल आइट्म्स हैं और इनके आयात को कम किया जा सकता है. भले ही इसके लिए इंपोर्ट टैरिफ को बढ़ाना पड़े.
देश का चालू खाता घाटा 9 साल के उच्च स्तर पर
भारत का करेंट अकाउंट डेफिसिट या चालू खाता खाता दरअसल 9 साल के उच्च स्तर पर आ गया है और सितंबर में खत्म तिमाही तक जीडीपी के 4.4 फीसदी पर आ गया है जो इससे पिछली तिमाही में देश की कुल जीडीपी का 2.2 फीसदी पर था. हालांकि ग्लोबल कमोडिटी कीमतों में कमी आने के बाद चिंताएं थोड़ी कम हुई हैं पर नीति निर्माता कुछ सतर्क रुख ही अपनाना चाहते हैं. विकसित अर्थव्यवस्थाओं में संकुचन के चलते वित्त वर्ष 2024 में निर्यात की दरों में कमी आने की आशंका है और अगले वित्त वर्ष में अर्थशास्त्री इसके चलते चालू खाते घाटे के 3.2 फीसदी से 3.4 फीसदी के बीच रहने का अनुमान जता रहे हैं.
लंबी अवधि की रणनीति के तहत हो सकता है सरकार का ये कदम
देश में लोकल मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की रणनीति के तहत नीति निर्माताओं को ऐसा लगता है कि गैर-जरूरी उत्पादों के आयात की दरों को ऊंचा करने से इसमें कमी आएगी और इसी के तहत इस लिस्ट को तैयार किया गया है.
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