Budget 2023 Reactions Live: नीतीश को बजट की जानकारी नहीं, सपा ने कहा- 'नौजवानों को ठगा', कांग्रेस ने बताया 'जुमला'
Budget 2023 Reactions Live: बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन का बजट भाषण खत्म हो गया है. मोदी सरकार के इस बजट 2023-24 पर पक्ष और विपक्ष का क्या कहना है, यहां लाइव ब्लॉग में पढ़िए.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, "इस बजट में पंजाब के लिए कुछ नहीं है. कागज में लिखा हुआ कहानी है बस इस बजट में. किसानों के बारे में इस बजट में कुछ नहीं कहा गया है. कौन सा बदला पंजाब से लिया जा रहा है. मुझे नहीं पता है. नई फसल पर कोई एमएसपी नहीं दी गयी है. संसद में बजट पर चर्चा के दौरान हमारे सांसद इस पर बात रखेंगे. किसान को अपने किस्मत पर छोड़ दिया गया है. नर्सिग कॉलेज कब से खोला जाएगा इस बजट में कोई प्रवाधान नहीं है. पंजाब से बदला लिया जा रहा है. पंजाब के साथ अन्याय हो रहा है."
आम आदमी पार्टी ने 2014 से प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करने के केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह देश के आम लोगों के लिए नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘अमृत काल’ है. दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने अपने बजट भाषण में कहा कि प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है. इस पर राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘न फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा. न नौजवानों को रोजगार मिला लेकिन ये मोदी जी का अमृत काल है. निर्मला जी कह रहीं हैं, प्रतिव्यक्ति आय दोगुनी हो गई है. किसकी?’’
जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि बजट की सात प्राथमिकताएं हैं, जो सप्तऋषि की तरह अमृतकाल के दौरान देश का मार्गदर्शन करेंगी. यह एक नए भारत की नींव रखने वाला और 130 करोड़ भारतवासियों का जीवन बेहतर और खुशहाल करने बजट है. पहली बार जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा.
संसद में पेश किए गए बजट को मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पुराने वादों पर जुमलों का पर्दा डालने की कोशिश बताया है. उन्होंने कहा, 'वित्तमंत्री का बजट भाषण सरकार के पुराने वादों पर जुमलों का पर्दा डालने का प्रयास नजर आया. हमें आशा थी कि वित्त मंत्री उन घोषणाओं पर प्रकाश डालेंगी जो 2022 में पूरी होनी थी.'
बजट पर विपक्षी नेताओं की ओर मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है. कुछ नेताओं ने बजट की तारीफ की तो कुछ ने इसे चुनावी बजट करार दिया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. नीतीश ने कहा, "मुझे इसकी (बजट) जानकारी नहीं है. मैंने बजट भाषण नहीं सुना क्योंकि मैं समाधान यात्रा कर रहा हूं. मैंने पिछले साल बजट भाषण सुना था, लेकिन चूंकि हमारी यात्रा पूर्व निर्धारित थी, इसलिए मैं इस बार बजट भाषण नहीं सुन सका. जब मैं पटना लौटूंगा तो इसका विश्लेषण करूंगा."
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आम बजट को किसान विरोधी बताया है. उन्होंने कहा, "इस बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं है. बीजेपी के ऐजेंडे में महिला, आदिवासी, पिछडे नहीं है. इस बजट में इन लोगों के लिए कुछ नहीं है. सरकारी नौकरी के लिए इस बजट में कुछ नहीं किया गया है. नौजवान को इस बजट में ठगा गया है. किसान विरोधी बजट है ये."
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, "बहुत बेहतरीन बजट पेश किया गया है और इसके बहुत मायने हैं. टैक्स में जो राहत दी गई है उसका बहुत बड़ा फायदा होगा. टैक्स में राहत का मतलब है कि ज्यादा खरीदी होगा जिससे मांग बढ़ेगी. इससे लोगों को रोजगार मिलेगा."
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, "बहुत बेहतरीन बजट पेश किया गया है और इसके बहुत मायने हैं. टैक्स में जो राहत दी गई है उसका बहुत बड़ा फायदा होगा. टैक्स में राहत का मतलब है कि ज्यादा खरीदी होगा जिससे मांग बढ़ेगी. इससे लोगों को रोजगार मिलेगा."
केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा, "ये बजट बहुत दुरगामी और सकारात्मक परिणाम देने वाला है. ये 1 साल का बजट नहीं है. हम 2047 तक पूर्ण विकसित राष्ट्र होंगे जिसकी बुनियाद आज के बजट में रखी गई है. समाज का ऐसा कोई तबका नहीं है जिसको लाभांवित ना किया गया हो."
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "सहकारी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसमें चीनी सहकारी समितियों द्वारा 2016-17 से पहले किसानों को किये गए भुगतान को अपने खर्च में दिखा पाने की सुविधा दी गयी है. इससे करीब 10 हजार करोड़ की राहत सहकारी चीनी मिलों को मिलेगी. मैं इस प्रस्ताव का स्वागत करता हूं."
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "ये बजट प्रधानमंत्री के संकल्प और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण को पूरा करने वाला बजट है. एक गौरवशाली और वैभवशाली भारत के निर्माण का बजट है. इस बजट में समाज के हर वर्ग का और हर राज्य का कल्याण निहित है."
कांग्रेस ने मोदी सरकार के बजट को 'जुमला' बताया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "दो-चार राज्य के चुनाव को देखकर यह बजट पेश किया गया है. जुमला बजट है. महंगाई को रोकने के लिए इस बजट में कुछ नहीं है. रोजगार के लिए इस बजट में कुछ नहीं है. सरकारी भर्ती के लिए इस बजट में कुछ नहीं है. गरीब के लिए इस बजट में कुछ नहीं है. किसान का आय कैसे ज्यादा किया जाये इस बजट में कुछ नहीं है. चुनाव को देखकर यह बजट बनाया गया है."
गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, 'ये बजट गरीब के लिए है. किसान और मघ्यम वर्ग के लिए बजट है. यह ऐतिहासिक बजट है.'
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि अमृतकाल के बजट में इंडिया@100 का खाका पेश किया गया है. इसमें भारत को तकनीक से प्रेरित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में परिवर्तित करने का ठोस आधार तैयार किया गया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय बजट को ‘जनविरोधी’ करार देते कहा कि इसमें गरीबों का ध्यान नहीं रखा गया. एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि आयकर स्लैब में बदलाव से किसी की मदद नहीं होगी. उन्होंने कहा, ‘‘यह केंद्रीय बजट भविष्यवादी नहीं है. पूरी तरह से अवसरवादी, जनविरोधी और गरीब विरोधी है. यह केवल एक वर्ग के लोगों को लाभान्वित करेगा. यह बजट देश की बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में मदद नहीं करेगा. इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.’’
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "ये देश की जनता के साथ विश्व की उम्मीदों को भी पूरा करने वाला बजट है. ये गरीबों का बजट है, नए भारत का संकल्प इस बजट में दिखाई देता है. भारत की अर्थव्यवस्था आज 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बनी है. इस बजट में मध्यम वर्ग, जनजातीय वर्ग, रोजगार सृजन आदि की चिंता की गई है. यह बजट भारत के गरीब लोगों को समर्पित है. ये सबका साथ, सबका प्रयास, सबका विश्वास, सबको साथ लेकर चलने वाला बजट है."
BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, "अमृत काल का पहला बजट लोक कल्याणकारी है, यह गरीब किसानों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, वंचितों, आर्थिक रूप से पिछड़े, मध्यम वर्ग को सशक्त और सक्षम बनाने वाला बजट है. यह बजट बच्चों की पढ़ाई, मध्यम वर्ग की कमाई और बुजुर्गों की भलाई पर बल देने वाला है."
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बजट को महंगाई बढ़ाने वाला करार दिया है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली वालों के साथ फिर से सौतेला व्यवहार हो रहा है. दिल्ली वालों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ से ज़्यादा इनकम टैक्स दिया. उसमें से मात्र 325 करोड़ रुपये दिल्ली के विकास के लिए दिये. ये तो दिल्ली वालों के साथ घोर अन्याय है. इस बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं. उल्टे इस बजट से महंगाई बढ़ेगी बेरोज़गारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं. शिक्षा बजट घटाकर 2.64% से 2.5% करना दुर्भाग्यपूर्ण. स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2% से 1.98% करना हानिकारक.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "पिछले साल के बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा और अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए आवंटन के लिए सराहना की गई थी. आज हकीकत सामने है. वास्तविक व्यय बजट की तुलना में काफी कम है. यह हेडलाइन मैनेजमेंट की मोदी की OPUD रणनीति है. वादा ज्यादा, काम कम."
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, "ये बजट देश की वास्तविक भावना को संबोधित नहीं कर रहा है जो कि महंगाई और बेरोजगारी है. इसमें केवल फैंसी घोषणाएं थीं जो पहले भी की गई थीं लेकिन कार्यान्वयन के बारे में क्या? पीएम किसान योजना से सिर्फ बीमा कंपनियों को फायदा हुआ किसानों को नहीं."
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, "ये बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है. केंद्र में बिहार के जितने सांसद हैं उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए. किसानों के लिए, रेलवे के लिए कुछ नहीं है. UPA की सरकार में बिहार को जितना दिया जाता था क्या इस सरकार ने दिया? BJP धर्म की राजनीति से ध्यान भटका कर संविधान खत्म कर रही है. नाम बदलने के अलावा इन्होंने कुछ किया? इससे किसे रोजी-रोटी मिली?बिहार के लोगों को ठगने की कोशिश की गई है. मध्यम वर्ग महंगाई से परेशान है. टैक्स में छूट आंखों में धूल झोंकने के बराबर है."
सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, "ये चुनावी बजट है, किसानों के लिए कुछ नहीं है. किसानों की एमएसपी की बात नहीं की है. रेलवे को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है. आधी से ज्यादा आबादी गांव में बसती है लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया है. ये बहुत ही निराशाजनक बजट है."
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में ये जो बजट पेश किया गया है यह समाज के हर व्यक्ति को ध्यान में रखकर किया गया है. आगे के 25 साल विकसित भारत बनने का रास्ता है."
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "आज प्रस्तुत हुए आम बजट 2023-24 में 'नए भारत' की समृद्धि का संकल्प है,130 करोड़ देश वासियों की सेवा का लक्ष्य है. वर्तमान केंद्रीय बजट गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर वर्ग की आशाओं और राष्ट्र के समग्र उत्थान की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला है. निःसंदेह, यह बजट भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा."
RJD सांसद मनोज झा ने कहा, "मैंने वित्त मंत्री को कई बार कहा है कि जब भी बजट बनाए तो अनुच्छेद-39 को देख लें. संविधान से आंखें मूंदकर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा. रोजगार के लिए आपने गोल-गोल बातें की. ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है."
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "अमृतकाल का पहला बजट बहुत क्रांतिकारी है, ये समाज के हर वर्ग को राहत देने वाला है. विशेषकर मध्यम वर्ग को आयकर में राहत दी गई है, जो टैक्स स्लैब बनाया गया है वो राहत देने वाला है. युवा, महिला, वरिष्ठ नागरिक सभी को इस बजट में राहत दी गई है."
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, "आज के बजट में महिला का सम्मान बढ़ा है. नेशनल डिजीटल लाइब्रेरी जो कि जिला स्तर पर भी खुलेगी. मिडिल क्लास के लिए आज का बजट बहुत ही शानदार है. यह मानवीयता का बजट है. फ्युचर ऑफ इंड़िया का आज बजट था. ये बजट मध्यम वर्ग के हित में है, इससे भारत प्रफुल्लित है भले ही विपक्ष नाराज़ हो."
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा, "पिछले बजट को आधार लेकर आगे बढ़ने की कोशिश की गई है. इसके अंदर अगले 25 सालों के लिए भारत कैसे आगे बढ़े उसकी नींव रखी गई है."
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी बजट पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है अमृतकाल में ये हमारा रोडमैप है, हम दुनिया में अपनी अर्थव्यवस्था को 10वें से 5वें स्थान पर ले आए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता."
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं. बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था. सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई."
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा, "देश में पहले की तरह पिछले 9 सालों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही, किन्तु वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया. अति-दुखद."
भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने बजट की तारीफ करते हुए कहा, "आम आदमी के लिए ये बजट बहुत अच्छा है, ये एक ऐतिहासिक कदम है. मध्यम वर्ग को इस बजट से बहुत राहत मिलेगी."
आप नेता संजय सिंह ने कहा, "रक्षा क्षेत्र में कुछ परिवर्तन की उम्मीद थी. हर साल 2 करोड़ लोगों को रोजगान देने की कोई योजना नहीं देखी. मंहगाई के दौर में टैक्स में छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर दी. यानी सिर्फ 50 हजार का ही लाभ दिया. क्या किसानों की MSME दोगुना करने का कोई ऐलान बजट में हुआ?"
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, "बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है. टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है. लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है."
बजट पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है. डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना अब हम इसपर बात करेंगे जब मौका आएगा.'
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री सीतारामन ने जो बजट पेश किया है वो अमृत काल में एक नए भारत की नींव रखेगा और 130 करोड़ भारतवासियों का जीवन बेहतर और खुशहाल करेगा. 'सबका साथ, सबका प्रयास' के जरिए 'जनभागीदारी' की जरूरत को समझते हुए अमृत काल के लिए मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ एक तकनीक-संचालित और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था को दिशा देने वाला यह बजट है."
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने टैक्स सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है. नई कर व्यवस्था में अब 7 लाख रुपये तक की आय पर छूट दी जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा, "व्यक्तिगत आयकर की नई टैक्स दर 0 से 3 लाख रुपये तक शून्य, 3 से 6 लाख रुपये तक 5%, 6 से 9 लाख रुपये 10%, 9 से 12 लाख रुपये 15%, 12 से 15 लाख रुपये तक 20% और 15 लाख से ऊपर 30% रहेगी."
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, "न किसानों की MSP बढ़ी. न नौजवानों को रोज़गार मिला लेकिन ये मोदी जी का अमृत काल है. निर्मला जी कह रहीं हैं प्रतिव्यक्ति आय दोगुनी हो गई लेकिन किसकी?"
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, "भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी. भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है. किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है."
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "हिंदुस्तान में गरीबी, बेरोजगारी-महंगाई बढ़ रही है. इसे ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया जाना चाहिए. बजट पेश होने के बाद पता चलेगा कि सरकार हमारी उम्मीदों पर खरी उतरती है या नहीं."
कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, "इकनॉमी सर्वे देखने के अलावा लगता है, सरकार स्वप्रशंसा करने के अलावा कुछ नहीं करने वाली है. हम उम्मीद करते हैं कि शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट बढ़ाने का काम करेंगे."
कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश ने कहा, "हमें नहीं लगता कि यह सरकार वेतनभोगी लोगों को कोई रियायत दे रही है. ये सिर्फ आंखों में धूल झोंकने के लिए बजट की घोषणा कर रहे हैं. पिछले बजट में भी उन्होंने ऐसा ही किया था. इस बार 2024 चुनावों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कुछ योजनाओं और राहतों की घोषणा की जा सकती है."
केंद्रीय बजट 2023 पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "भारत के मॉडल को दुनिया स्वीकार कर रही है. भारत आगे बढ़ रहा है और आर्थिक विकास देख रहा है. उन्हें (विपक्ष को) असंतोष नहीं दिखाना चाहिए. यदि उन्हें शिकायत है, तो इसे सरकार के खिलाफ होने दें. उन्हें देश के विकास के लिए संतोष दिखाने के लिए बड़ा दिल दिखाना चाहिए. यह सबसे अच्छा बजट होगा. यह गरीब हितैषी, मध्यम वर्ग हितैषी बजट होगा."
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "हम आज हमारे पार्टी की ओर से बजट एक्सपर्ट नेताओं को बिठाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. बजट देखने के बाद स्थितियां साफ हो जाएंगी. बजट देखने के बाद हम अपनी प्रतिक्रिया देंगे. बिना बजट देखे अंदाज़े पर बोलना गलत होगा. बजट रिपोर्ट देखने के बाद, बजट कैसा होना चाहिए था और कैसा है इसपर बात करेंगे. राष्ट्रपति के अभिभाषण में तो कुछ नहीं दिखा अब बजट में उनका जलवा देखेंगे."
आज आम बजट 2023-24 पेश होने से पहले इंडियन युथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने मोदी सरकार पर तंज कसा है. बीवी श्रीनिवास ने ट्वीट में लिखा, "आज पेश होगा जनता का जीवन बेहाल करने वाली 'मोदी सरकार' का 'अंतिम बजट' संसद में पेश होगा. अगले साल 'अंतरिम बजट' के साथ सरकार के 'ताबूत' में ठुकेगी 'अंतिम कील' और होगी धूमधाम से विदाई."
बैकग्राउंड
Union Budget 2023 Reactions Live: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन आज मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश कर दिया है. सभी की निगाहें तो निर्मला सीतारामन पर ही टिकीं हैं. आम लोगों से लेकर विदेशी निवेशकों तक को भारत के बजट से कई उम्मीदें हैं. एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत के बजट पर पूरी दुनिया की नजर है.
अगले साल होने वाले आम चुनाव के पहले के इस अंतिम पूर्ण बजट के जरिये सरकार लोगों की अपेक्षाओं पर भी खरा उतरने की कोशिश कर सकती है. इसके लिए सार्वजनिक व्यय में बढ़ोतरी का तरीका अपनाया जा सकता है. सीतारमण अपना पांचवां बजट ऐसे समय में पेश कर रही हैं, जब अर्थव्यवस्था के सामने वैश्विक आघातों से निपटने और घरेलू जरूरतों को पूरा करने की मुश्किल चुनौती है.
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