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Budget 2023: बजट से आम आदमी के जीवन पर क्या पड़ता है असर? जानें देश के लिए क्यों जरूरी Budget
Union Budget 2023: केंद्र सरकार देश के अलग-अलग वर्ग के लिए कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं लेकर आती रहती है. ऐसे में बजट में उन सभी योजनाओं के लिए फंड को आवंटित किया जाता है.
Union Budget 2023: हर साल केंद्र सरकार की ओर से अगले वित्त वर्ष का बजट देश के सामने पेश किया जाता है. यह बजट आमतौर पर फरवरी के पहले दिन संसद में पेश किया जाता है. इस साल वित्त वर्ष 2023-24 (Financial Year 2023-2024) का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी और संसद का बजट सत्र 31 जनवरी, 2023 से शुरू हो जाएगा. आप सभी ने बजट का नाम तो कई बार सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि सरकार की ओर से हर साल पेश किया जाने वाला बजट आम लोगों की जेब पर कैसे असर डालता है? हम इससे किस तरीके से प्रभावित होते हैं? आइए सबकुछ जानते हैं.
क्या है बजट का मकसद?
आम लोगों के जीवन पर बजट का असर बहुत बड़े लेवल पर पड़ता है. ज्यादातर घरों में महीने की शुरुआत से पहले लोग घर का बजट सेट करते हैं कि सैलरी में से कितना हिस्सा खर्च करना है, लोन की किस्तों में कितना देना और कितना सेविंग करना है. ऐसा ही कुछ देश का बजट भी होता है. सरकार हर साल बजट के जरिये नई नीतियों की घोषणाएं करती है जो हमारे आज और भविष्य को प्रभावित करता है. सरकार देश के सभी सेक्टर्स को पैसे देती है जिससे रोजगार उत्पन्न हो और इकोनॉमी को रफ्तार मिले. बजट के जरिये सरकार देश के उन सेक्टर को बूस्ट देती है, जिन्हें पैसों की जरूरत है. इसके साथ ही सरकार टैक्स स्लैब का निर्धारण भी बजट के जरिये करती है.
सरकारी योजनाओं के लिए भी रुपये किए जाते हैं आवंटित
केंद्र सरकार देश के अलग-अलग वर्ग के लिए कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं लेकर आती रहती है. ऐसे में बजट में उन सभी योजनाओं के लिए फंड को आवंटित किया जाता है जिससे देश में असमानता को मिटाया जा सके और हर वर्ग के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले. बजट बनाने से पहले वित्त मंत्रालय देश के सभी मंत्रालय UTs, सभी सरकारी सेक्टर, ट्रेड यूनियनों, इकोनॉमिस्ट, राजस्व विभाग और अलग-अलग सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स से जुड़े लोगों को बजट के बारे में जानकारी देता है. इसके बाद वित्त मंत्री इन सभी लोगों से बजट से पहले यानी प्री-बजट मीटिंग में चर्चा करती हैं.
इसके साथ ही सभी को आगे आने वाले फाइनेंशियल ईयर के लिए उनके खर्चों का अनुमान लगाने को कहा जाता है. इसके साथ ही पिछले साल के खर्च का रिकॉर्ड भी देखा जाता है. इस बैठक में फाइनेंस मिनिस्ट्री सभी खर्च का ब्लूप्रिंट तैयार करता है और फिर सभी अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा होती है. आखिरी में पीएम से मीटिंग के बाद बजट को आखिरी रूप दे दिया जाता है.
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