Budget 2023: नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट में वित्त मंत्रालय मिडिल क्लास को फायदा देने वाले प्रस्तावों पर विचार कर रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को लोकसभा में बजट पेश करेंगी. सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय विभिन्न सरकारी विभागों की तरफ से भेजे गए ऐसे प्रस्तावों पर विचार कर रहा है, जिनसे मिडिल क्लास के बड़े हिस्से को फायदा पहुंचे. इसकी घोषणा बजट में की जा सकती है.
इनकम टैक्स छूट सीमा और स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने की जरूरत है- विशेषज्ञ
सरकार ने अभी तक इनकम टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं की है, जिसे 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उस सरकार का पहला बजट पेश करते हुए तय की थी. इसके साथ ही 2019 से स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये बनी हुई है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई के उच्च स्तर में वेतनभोगी मिडिल क्लास को राहत देने के लिए इनकम टैक्स छूट सीमा और स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने की जरूरत है.
मिडिल क्लास के मन में उम्मीद बढ़ाई
वित्त मंत्री के हाल ही में दिए एक बयान ने मिडिल क्लास में उम्मीद बढ़ा दी थी कि आगामी बजट में उन्हें कुछ राहत मिल सकती है. वित्त मंत्री ने कहा था कि वे इस वर्ग पर मौजूद दबाव से अवगत हैं. उन्होंने कहा था, "मैं भी मिडिल क्लास से हूं इसलिए मैं इस वर्ग पर दबाव को समझती हूं. मैं खुद को मिडिल क्लास के साथ मानती हूं इसलिए मैं जानती हूं."
निर्मला सीतारमण ने कहा था, "मैं इन समस्याओं को समझती हूं. सरकार ने उनके लिए बहुत किया है और लगातार कर रही है."
निवेश छूट सीमा बढ़ाने की संभावनाओं पर भी विचार
छूट सीमा और स्टैंडर्ड डिडक्शन में फेरबदल करने के अलावा वित्त मंत्रालय 80सी के अंतर्गत निवेश छूट सीमा बढ़ाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहा है. इसमें लाइफ इंश्योरेंस, एफडी, बॉन्ड, होम लोन और पीपीएफ व अन्य सेवाएं आती हैं. फिलहाल इसके तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट है. सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए भुगतान पर भी विचार किया जा रहा है. सरकार निवेशकों को फायदा पहुंचाने के लिए कैपिटल गेन टैक्स नियमों को भी आसान कर सकती है. इससे मिडिल क्लास से आने वाले निवेशकों को फायदा होगा.
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