वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सप्ताह मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश कर दिया. बजट में उन्होंने कई बड़े ऐलान किए. खास तौर पर इनकम टैक्स के स्लैब व रेट में बदलाव का इंतजार कर रहे टैक्सपेयर्स के लिए यह बजट बदलाव लेकर आया. बजट में इनकम टैक्स को लेकर जिन बदलावों का प्रस्ताव किया गया है, उससे टैक्सपेयर सीधे प्रभावित होने वाले हैं.


ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं


बजट दस्तावेजों के अनुसार, सरकार ने इनकम टैक्स के मौजूदा कानून के तहत न्यू टैक्स रिजीम यानी नई कर व्यवस्था में बदलाव का प्रस्ताव दिया है. पुरानी कर व्यवस्था या ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं हुआ है. एक्सपर्ट पहले से ही ऐसा मानकर चल रहे थे कि सरकार बजट में नई कर व्यवस्था को आकर्षक बनाने का प्रयास कर सकती है. यह स्वाभाविक है क्योंकि सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम को पहले ही डिफॉल्ट बना दिया है और चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा टैक्सपेयर नई व्यवस्था को चुनें.


न्यू टैक्स रिजीम में दो बड़े बदलाव


इस बार के बजट में इनकम टैक्स को लेकर दो बड़े बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं. पहला बदलाव स्टैंडर्ड डिडक्शन को लेकर है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन के फायदे को बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया. अभी न्यू टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स को 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिल रहा है.


इनकम टैक्स के स्लैब व रेट में बदलाव


दूसरा बदलाव इनकम टैक्स के स्लैब व रेट से जुड़ा हुआ है. इनकम टैक्स के दूसरे स्लैब यानी 5 फीसदी रेट वाले स्लैब का दायरा अब बढ़ने वाला है. वित्त मंत्री का प्रस्ताव है कि न्यू टैक्स रिजीम के तहत 3 लाख रुपये से ऊपर और 7 लाख रुपये तक की सालाना कमाई के लिए इनकम टैक्स की दर 5 फीसदी हो. पहले 5 पर्सेंट वाला स्लैब 3 लाख रुपये से ऊपर लेकिन 6 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वाले टैक्सपेयर्स के लिए था. इसी तरह 10 पर्सेंट वाले स्लैब का जो दायरा 6 लाख से 9 लाख रुपये तक के लिए था, अब वह 7 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक के लिए होगा. 15 फीसदी वाले स्लैब के दायरे में अभी तक 9 से 12 लाख रुपये तक की कमाई वाले आते थे. अब इसके दायरे में 10 लाख से 12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वाले आएंगे.


बजट में बदलाव से पहले और बाद के स्लैब: 




ऊपर चार्ट में आप देख सकते हैं कि बजट में इनकम टैक्स को लेकर स्लैब व रेट में किन बदलावों का प्रस्ताव किया गया है. सबसे पहले स्लैब यानी 0 फीसदी टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है. उसी तरह सबसे ऊपर के दो स्लैब यानी 20 फीसदी और 30 फीसदी रेट वाले स्लैब में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. स्लैब में बदलाव वैसे टैक्सपेयर्स के लिए है, जिनकी सालाना कमाई 6 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक है. हालांकि स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी का फायदा 10 लाख रुपये सालाना से ज्यादा कमाई वालों को भी मिलेगा.


इतनी कमाई हुई टैक्स से फ्री


बजट में किए गए बदलाव से पहले न्यू टैक्स रिजीम में 7.50 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वाले टैक्सपेयर्स के लिए प्रभावी इनकम टैक्स शून्य हो रहा था. अब इसका दायरा बढ़कर 7.75 लाख रुपये हो जाएगा. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए के तहत टैक्सपेयर्स को 25 हजार रुपये तक के रिबेट का फायदा मिलता था. यह फायदा अब भी मिलेगा, लेकिन 7 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई वालों के लिए इस फायदे की लिमिट अधिकतम 20 हजार रुपये होगी.


बजट में बदलाव से पहले और बाद के प्रभावी इनकम टैक्स: 




सबसे ज्यादा फायदे में रहेंगे ये लोग


मतलब बजट में प्रस्तावित बदलावों के प्रभावी होने के बाद न्यू टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स को अधिकतम 28,600 रुपये तक की बचत होने वाली है. सबसे ज्यादा फायदा 7.50 लाख रुपये से 7.75 लाख रुपये तक की कमाई वालों को होने वाला है. ये बदलाव वित्त वर्ष 2024-25 के लिए प्रभावी होंगे. यानी टैक्सपेयर जब अगले साल असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए रिटर्न भरेंगे, उन्हें इन बदलावों का फायदा मिलेगा.


ये भी पढ़ें: शेयर बाजार का खेल, एफएंडओ ही नहीं इंट्राडे में भी पैसे गंवाते हैं इन्वेस्टर, 70 फीसदी को होता है नुकसान