वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए शानदार साबित हुआ है. इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एंजल टैक्स के समाप्त करने का प्रस्ताव किया, जो स्टार्टअप की दुनिया के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.


वित्त मंत्री ने 2024-25 का पूर्ण बजट व मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहल बजट पेश करते हुए अपने बजट भाषण में कहा- सभी इन्वेस्टर क्लास के लिए एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव किया जाता है. इसका मतलब हुआ कि अब एंजल टैक्स से हर श्रेणी के निवेशकों को छुटकारा मिलने वाला है.


पहले से थी इस बात की उम्मीद


इस बात की उम्मीद पहले से की जा रही थी कि सरकार बजट में एंजल टैक्स को समाप्त करने का ऐलान कर सकती है. अभी कुछ दिन पहले डीपीआईआईटी सेक्रेटरी राजेश कुमार सिंह ने बताया था कि उनके विभाग ने एंजल टैक्स को समाप्त करने की मांग की है. स्टार्टअप जगत से जुड़े लोग भी इस टैक्स को समाप्त करने की मांग कर रहे थे.


क्या होता है एंजल टैक्स?


भारत में एंजल टैक्स की देनदारी से सबसे ज्यादा स्टार्टअप प्रभावित होते हैं. दरअसल जब कोई अनलिस्टेड कंपनी किसी भारतीय निवेशक से शेयरों के इश्यू के जरिए पैसे जुटाती है और उस सौदे में शेयरों की तय की गई कीमत कंपनी की फेयर मार्केट वैल्यू से ज्यादा होती है, तो ऐसे मामले में एंजल टैक्स की देनदारी बनती है. अब इस देनदारी को सभी कैटेगरी के निवेशकों के लिए समाप्त कर दिया जाएगा.


इस तरह से होगा फायदा


इसका मतलब हुआ कि अब देश में अनलिस्टेड कंपनियों विशेषकर स्टार्टअप के लिए फंड जुटाना आसान हो जाएगा. स्टार्टअप के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती फंड जुटाने से जुड़ी होती है. अब एंजल टैक्स के समाप्त होने के बाद स्टार्टअप के लिए इन्वेस्टमेंट/फंड का बेहतर फ्लो सुनिश्चित होगा, जिससे देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलेगा.


अंतरिम बजट में हुआ था ये उपाय


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार भारत को स्टार्टअप इकोसिस्टम का हब बनाना चाहती है. इसके लिए अंतरिम बजट में भी उपाय किए गए थे. फरवरी में पेश अंतरिम बजट में स्टार्टअप इंडिया स्कीम के तहत टैक्स से छूट पाने के लिए पात्र स्टार्टअप का दायरा बढ़ाया गया था. उस समय इसकी पात्रता बढ़ाकर 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2025 तक रजिस्टर होने वाली कंपनियों तक फायदे का विस्तार किया गया था.


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