Budget 2025: मोदी सरकार ने बजट से जुड़ी इन परंपराओं को तोड़ा था, जिन्हें अंग्रेजों ने बनाया था
Budget 2025: मोदी सरकार ने बीते कई सालों में बजट में कई अहम बदलाव किए जैसे कि रेल बजट का विलय, बजट पेश करने का समय सुबह 11 बजे करना, और डिजिटल बजट लाकर औपनिवेशिक परंपराओं को खत्म करना.
![Budget 2025: मोदी सरकार ने बजट से जुड़ी इन परंपराओं को तोड़ा था, जिन्हें अंग्रेजों ने बनाया था Budget 2025: Modi Government reshaped budget in one decade Budget 2025: मोदी सरकार ने बजट से जुड़ी इन परंपराओं को तोड़ा था, जिन्हें अंग्रेजों ने बनाया था](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/01/27/3a2a55b3059ecfc019b37873e504695517379728548051187_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Budget 2025: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने कार्यकाल में भारत के वार्षिक बजट से जुड़ी कई पारंपरिक व्यवस्थाओं में बदलाव किया है, जो वर्षों से औपनिवेशिक काल की देन थीं. ये परिवर्तन न केवल बजट प्रक्रिया को आधुनिक और प्रासंगिक बनाने की दिशा में थे, बल्कि समय और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए भी किए गए.
बजट पेश करने का दिन और समय बदला
ब्रिटिश शासन के दौरान, भारत का वार्षिक बजट फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर शाम 5 बजे पेश किया जाता था. यह समय इसलिए चुना गया था ताकि लंदन में बैठे ब्रिटिश संसद के सदस्य इसे तुरंत देख सकें. मोदी सरकार ने इस परंपरा को खत्म करते हुए बजट पेश करने की तारीख फरवरी की शुरुआत में कर दी. साथ ही, समय को बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया गया. इस बदलाव ने योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अधिक समय उपलब्ध कराया और प्रक्रिया को अधिक समयबद्ध बना दिया.
रेल बजट और आम बजट का विलय
1924 से भारत में रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश किए जाते थे. यह व्यवस्था औपनिवेशिक सरकार ने रेलवे की आर्थिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए शुरू की थी. 2017 में, मोदी सरकार ने इस परंपरा को समाप्त कर रेल बजट को आम बजट का हिस्सा बना दिया. इस कदम से संसाधनों के समेकन में मदद मिली और रेलवे को देश के समग्र आर्थिक विकास का अभिन्न हिस्सा बनाया गया.
डिजिटल बजट और हलवा सेरेमनी में बदलाव
हर बजट सत्र से पहले होने वाली 'हलवा सेरेमनी' को भी प्रतीकात्मक बना दिया गया. यह सेरेमनी, जो बजट दस्तावेजों की छपाई की शुरुआत को चिह्नित करती थी, अब केवल औपचारिकता बनकर रह गई है. इसके साथ ही, मोदी सरकार ने 2021 में पहला पूर्ण डिजिटल बजट पेश किया. चमड़े के ब्रीफकेस की जगह टैबलेट ने ले ली, जो आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल युग की दिशा में एक बड़ा कदम है.
ये भी पढ़ें: BUDGET 2025: क्या है हिंदू विरोधी बजट? जिसको पाकिस्तान के PM ने किया था पेश? | Paisa Live
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)